शर्मनाक! बाइक, कारें और जमकर आतिशबाजी... कर्नाटक गैंग रेप के आरोपियों का जमानत के जश्न में विजय जुलूस | देखिए VIDEO
Karnataka Gang-Rape Case: यह जश्न की रैली हावेरी के अक्की अलूर कस्बे में हुई, जहां मोटरसाइकिलों और कारों का एक काफिला रिहा किये गये व्यक्तियों के साथ स्थानीय सड़कों से गुजरा... ये शर्मनाक करने वाला है, क्योंकि ये सभी जमानत पर रिहा हुए आरोपी मुख्य संदिग्ध हैं.

Karnataka Gang-Rape Case: आज से ठीक सोलह महीने पहले कर्नाटक के हावेरी में एक अलग-अलग धर्म से ताल्लुक रखने वाले कपल के होटल के कमरे में कई लोग घुस आए, महिला को घसीटकर पास के जंगल में ले गए और कथित तौर पर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया. उनमें से 7 आरोपियों को हाल में ही जमानत दे दी गई... इसके बाद जो हुआ वो शर्मसार कर देने वाला था. चौंकाने वाली बात ये भी है कि इस रेप कांड में ये आरोपी मुख्य संदिग्ध हैं.
सभी आरोपी बाइक, कार, म्यूजिक और ज़ोरदार जश्न के नारे के साथ एक विजयी सार्वजनिक जुलूस निकाला गया. ये जुलूस हावेरी के अक्की अलूर कस्बे में हुई, जहां रिहा किए गए लोगों के साथ मोटरसाइकिलों और कारों का एक काफिला स्थानीय सड़कों से गुजरा. VIDEO में आरोपी मुस्कुराते और विजय चिन्ह दिखाते हुए दिखाई दे रहे हैं, जिससे लोगों में आक्रोश फैल गया है.
Victory march by rape accuseds …
maal-e-ganimat ka falsafa + bapu ka desh 🙈🙉🙊pic.twitter.com/dbTsyPksD1
हावेरी सत्र न्यायालय से 7 लोग हुए रिहा
हावेरी सत्र न्यायालय ने हाल ही में सात मुख्य आरोपियों को जमानत दे दी है: आफताब चंदनकट्टी, मदार साब मंडक्की, समीवुल्ला लालनवर, मोहम्मद सादिक आगासिमानी, शोएब मुल्ला, तौसीप चोटी और रियाज साविकेरी. 26 वर्षीय महिला के साथ सामूहिक बलात्कार के सिलसिले में गिरफ्तारी के बाद से सभी को कई महीनों तक न्यायिक हिरासत में रखा गया था.
पीड़िता, जो अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखती है और कथित तौर पर 40 वर्षीय कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) के ड्राइवर के साथ लंबे समय से रिश्ते में थी, 8 जनवरी, 2024 को हनागल में एक निजी होटल में रुकी थी. बाद में पुलिस जांच में पता चला कि महिला को परिसर से घसीटा गया और पास के जंगल में ले जाया गया, जहां उसके साथ पुरुषों के एक समूह ने कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया.
पीड़िता के बयान के बाद कार्रवाई
पीड़िता द्वारा विस्तृत बयान दिए जाने के बाद सामूहिक बलात्कार के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया, जिसमें उसने पहचान प्रक्रिया के दौरान संदिग्धों की पहचान की थी. बाद की अदालती कार्यवाही के दौरान, वह कथित तौर पर आरोपियों की पहचान की पुष्टि करने में विफल रही, जिससे अभियोजन पक्ष का मामला कमजोर हो गया.
स्थानीय पुलिस ने शुरू में इसे इस तरह दर्ज किया था. 11 जनवरी को महिला द्वारा मजिस्ट्रेट के समक्ष औपचारिक बयान दिए जाने के बाद ही पुलिस ने सामूहिक बलात्कार के आरोप जोड़े. इस मामले में कुल 19 लोगों को गिरफ़्तार किया गया, जिनमें सात मुख्य आरोपी भी शामिल हैं.
अन्य बारह कथित तौर पर या तो अपराध में मदद करने में शामिल थे या फिर पीड़िता पर शारीरिक हमला करने में... लगभग दस महीने पहले बारह आरोपियों को ज़मानत पर रिहा कर दिया गया था. बचे सात, जिन्हें मुख्य संदिग्ध माना जाता है, को हाल ही में अदालत के आदेश तक बार-बार ज़मानत से वंचित होना पड़ा.
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