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'भारत में अमीर-गरीब के बीच घट रही है खाई', लोकसभा में निर्मला सीतारमण का बड़ा दावा, पेश किया आंकड़ा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में कहा कि भारत में आय असमानता में तेज़ी से कमी आई है और अमीर-गरीब के बीच संपत्ति का अंतर घटा है. उन्होंने बताया कि गरीब और मध्यम वर्ग में मोबाइल, फ्रिज और दोपहिया जैसे सामानों का स्वामित्व तेज़ी से बढ़ा है. सरकार ने भारत को दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बताते हुए 'डेड इकोनॉमी' के दावे को खारिज किया.

Income Inequality India: भारत में बढ़ती आर्थिक असमानता को लेकर चल रही बहस के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि देश में आय असमानता (Income Inequality) में तेज़ी से गिरावट आई है और अमीर-गरीब के बीच संपत्ति के स्वामित्व का अंतर भी पहले की तुलना में कम हुआ है. उनका यह बयान हाल ही में जारी वर्ल्ड इनइक्वालिटी रिपोर्ट 2026 को लेकर विपक्ष के सवालों के जवाब में आया.

वर्ल्ड इनइक्वालिटी रिपोर्ट पर सरकार का जवाब

लोकसभा में विपक्ष ने वर्ल्ड इनइक्वालिटी रिपोर्ट 2026 का हवाला देते हुए सरकार से जवाब मांगा था. इस रिपोर्ट में भारत को दुनिया के सबसे अधिक असमान देशों में शामिल किया गया है, जहां शीर्ष 1% आबादी के पास देश की लगभग 40% संपत्ति होने का दावा किया गया है.

इस पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कुछ आंकड़ों के आधार पर पूरी तस्वीर नहीं देखी जा सकती. उन्होंने जोर देकर कहा कि अमीर और गरीब के बीच संपत्ति के स्वामित्व का अंतर घटा है, खासकर शहरी भारत में यह बदलाव साफ तौर पर दिखता है.

गरीब और मध्यम वर्ग में बढ़ा संपत्ति का स्वामित्व

वित्त मंत्री ने बताया कि देश के निचले 40% परिवारों में मोबाइल फोन, टीवी, फ्रिज और दोपहिया वाहन जैसी आकांक्षी वस्तुओं (Aspirational Goods) का स्वामित्व रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ा है. यह संकेत देता है कि आम लोगों की क्रय शक्ति में सुधार हुआ है.

उन्होंने कहा कि पहले जो चीजें लग्ज़री मानी जाती थीं, अब वे ज़रूरत बन चुकी हैं. उदाहरण के तौर पर, रेफ्रिजरेटर अब शहरी गरीब वर्ग के लिए भी आवश्यकता बन गया है, और इसकी खरीद में तेज़ बढ़ोतरी देखी गई है.

कर्ज़ को लेकर चिंता, राज्यों को दी चेतावनी

अपने भाषण के दौरान निर्मला सीतारमण ने राज्यों के बढ़ते कर्ज़ पर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि कई राज्यों में कर्ज़-से-GSDP अनुपात लगातार खराब हो रहा है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.

उन्होंने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए केंद्र और राज्यों को मिलकर समन्वित कार्रवाई करनी होगी. हालिया RBI आंकड़ों का जिक्र करते हुए बताया गया कि घरेलू कर्ज़ GDP का 4.7% हो गया है, जो FY19 में 3.9% था. हालांकि यह महामारी के बाद के उच्च स्तर 6.2% से कुछ कम जरूर हुआ है.

'Make in India' से 'Make for India' तक का सफर

वित्त मंत्री ने लोकसभा में भारत की मैन्युफैक्चरिंग ताकत को भी रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि सरकार की 'Make in India' पहल अब 'Make for India' बन चुकी है, क्योंकि देश के भीतर मांग लगातार बढ़ रही है.

बढ़ती खपत का सीधा असर आर्थिक विकास पर पड़ा है. उन्होंने बताया कि दूसरी तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 8.2% रही, जो सभी अनुमानों से अधिक है.

'डेड इकोनॉमी' टिप्पणी पर करारा जवाब

निर्मला सीतारमण ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत को लेकर दिए गए डेड इकोनॉमी बयान पर भी पलटवार किया. 

उन्होंने कहा कि जहां वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर 3.2% के आसपास है, वहीं भारत ने पिछली तिमाही में 8.2% की मजबूत ग्रोथ दर्ज की है.

उन्होंने कहा कि ये आंकड़े साफ तौर पर दिखाते हैं कि भारत आज भी दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है.

लोकसभा में वित्त मंत्री का यह बयान साफ संकेत देता है कि सरकार आय असमानता के मुद्दे पर अपनी स्थिति मजबूत मानती है. सरकार का दावा है कि निचले तबकों की जीवनशैली में सुधार, संपत्ति के बढ़ते स्वामित्व और तेज़ आर्थिक वृद्धि के चलते भारत में अमीर-गरीब की खाई धीरे-धीरे कम हो रही है, भले ही अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट कुछ और तस्वीर पेश करें.

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