मध्यप्रदेश में नर्सिंग कॉलेज घोटाले पर सरकार का बड़ा एक्शन, जानिए CBI अधिकारियों के रिश्वत की कहानी
नर्सिंग कॉलेज घोटाले मामले की जांच करने पहुंचे CBI अधिकारियों ने जांच के दौरान ही रिश्वत ली, फिर पहुंची दिल्ली की CBI टीम. अब MP सीएम मोहन यादव ने लिए कई बड़े फैसले.

मध्यप्रदेश में नर्सिंग कॉलेज घोटाले ने सरकार को हिलाकर रख दिया, जिसके बाद राज्य की बीजेपी सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार किया है. सीएम मोहन यादव ने आज इसे लेकर कई सीनियर अधिकारियों के साथ मीटिंग कर बात की है. इस दौरान कई बड़े फैसले लिए गए हैं. नर्सिंग कॉलेज घोटाले में शामिल सभी अधिकारियों के सेवाएं खत्म कर दी गई है. इसके साथ ही भविष्य को लेकर बड़ा फैसला भी लिया गया है.
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेज की मान्यता को लेकर गड़बड़ियों के बाद इस पूरे मामले की जांच हाईकोर्ट कर रहा था, जिसमें स्थानीय स्तर पर सीबीआई के जिन अधिकारियों को जांच का जिम्मा सौंपा था, उन अधिकारियों ने इसमें रिश्वत ली. फिर दिल्ली सीबीआई की टीम ने उन पर कार्रवाई की है और अब यह पूरा मामला जांच के दायरे में है. जांच में ये पाया गया है कि, कागजों पर चल रहे हैं नर्सिंग कॉलेज से पैसे का लेनदेन कर उनकी मान्यता दी गई, ऐसे करीब 159 कॉलेज है जो जांच के दायरे में है.
मीटिंग में कहा गया कि, अब इंजीनियरिंग-मेडिकल की तर्ज़ पर नर्सिंग स्टूडेंट्स का भी स्टेट लेवल पर एग्जाम आोयजित किया जाएगा. साथ ही केंद्र के नए नर्सिंग एक्ट के तहत राज्य में आयोग गठित होगा और अब नए नर्सिंग कॉलेज की मान्यता भी राष्ट्रीय आयोग ही देगा. नर्सिंग कॉउंसिल के तत्कालीन रजिस्ट्रार और सचिव पर भी कारवाई होगी.
नर्सिंग कॉलेज घोटाले में अब तक कई बड़ी कारवाई की गई है. मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेज घोटाले मामले में इससे पहले दिल्ली सीबीआई की टीम ने जांच के बाद भोपाल में सीबीआई के दो अधिकारियों पर कार्रवाई की है. उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. इसके बाद दोनों सीबीआई के अधिकारियों को पद से बर्खास्त कर दिया गया है, इसके अलावा नर्सिंग कॉलेज की मान्यता से जुड़े हुए कुछ और लोगों पर भी एफआईआर दर्ज की है.
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