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प्रोस्टेट कैंसर क्या है, जिससे पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन हुए ग्रसित? जानिए इसके लक्षण, प्रकार और शुरुआती संकेत

Prostate cancer: प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों की एक सामान्य लेकिन गंभीर बीमारी है, जो प्रोस्टेट ग्रंथि की कोशिकाओं के असामान्य रूप से बढ़ने से होती है. यह ग्रंथि मूत्राशय के नीचे और मलाशय के सामने स्थित होती है और सीमेन बनाने में मदद करती है. कैंसर का सबसे आम प्रकार एडेनोकार्सिनोमा होता है. हालांकि कुछ दुर्लभ प्रकार जैसे स्मॉल सेल कार्सिनोमा और सारकोमा भी हो सकते हैं.

Prostate Cancer: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को प्रोस्टेट कैंसर होने का पता चला है , उनके कार्यालय ने रविवार को घोषणा की. इसका खुलासा हाल ही में की गई चिकित्सा जांच के बाद हुआ है, जिसमें एक चिंताजनक बात सामने आई थी. मूत्र संबंधी लक्षण दिखने के बाद इस सप्ताह के शुरू में बाइडेन को डॉक्टरों ने देखा था.

प्रोस्टेट कैंसर की जानकारी और समय पर जांच इसके इलाज और नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. यदि आप 50 वर्ष या उससे अधिक उम्र के हैं या आपके परिवार में किसी को प्रोस्टेट कैंसर रहा है तो नियमित जांच कराना आपकी सेहत के लिए जरूरी हो सकता है.

प्रोस्टेट कैंसर क्या है?

प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में पाया जाने वाला एक आम कैंसर है, जो प्रोस्टेट ग्रंथि में असामान्य कोशिकाओं के अनियंत्रित रूप से बढ़ने के कारण होता है. यह ग्रंथि केवल पुरुषों में पाई जाती है और यह शुक्राणु द्रव (सीमेन) का एक हिस्सा बनाने में मदद करती है.

प्रोस्टेट ग्रंथि क्या है?

प्रोस्टेट, मूत्राशय (ब्लैडर) के ठीक नीचे और मलाशय (रेक्टम) के सामने स्थित होती है। इसके पीछे सेमिनल वेसिकल्स नामक ग्रंथियां होती हैं, जो सीमेन का अधिकतर तरल बनाती हैं. यूरेथ्रा, जो मूत्र और सीमेन को शरीर से बाहर ले जाने वाली नली है, प्रोस्टेट के बीच से होकर गुजरती है. युवावस्था में प्रोस्टेट ग्रंथि अखरोट के आकार की होती है, लेकिन उम्र के साथ इसका आकार बढ़ सकता है.

प्रोस्टेट कैंसर के प्रकार

प्रोस्टेट कैंसर के अधिकांश मामले एडेनोकार्सिनोमा (Adenocarcinoma) होते हैं. यह कैंसर प्रोस्टेट के ग्रंथि कोशिकाओं से उत्पन्न होता है, जो सीमेन के लिए द्रव बनाती हैं. 

हालांकि कुछ दुर्लभ प्रकार के प्रोस्टेट कैंसर भी होते हैं, जैसे:

  • स्मॉल सेल कार्सिनोमा (Small Cell Carcinoma)
  • न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर (Neuroendocrine Tumors) – जैसे कि लार्ज सेल कार्सिनोमा
  • ट्रांजिशनल सेल कार्सिनोमा
  • सारकोमा (Sarcomas)

इनमें से अधिकांश प्रकार बहुत कम पाए जाते हैं. अगर किसी को प्रोस्टेट कैंसर हुआ है, तो संभावना है कि वह एडेनोकार्सिनोमा ही होगा.

तेजी से या धीरे बढ़ने वाला कैंसर

कुछ प्रोस्टेट कैंसर बहुत तेजी से बढ़ सकते हैं और शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकते हैं, जबकि अधिकतर कैंसर धीरे-धीरे बढ़ते हैं और समय पर जांच होने पर इन्हें प्रभावी रूप से रोका जा सकता है.

प्रोस्टेट में संभावित प्री-कैंसर स्थितियां

कुछ शोधों के अनुसार, प्रोस्टेट कैंसर की शुरुआत कुछ प्री-कैंसर अवस्थाओं से हो सकती है. ये अवस्थाएं आमतौर पर तब पाई जाती हैं जब प्रोस्टेट बायोप्सी के दौरान ऊतकों की जांच की जाती है.

1. प्रोस्टेटिक इन्ट्रा एपिथीलियल न्योप्लासिया (PIN)

इसमें प्रोस्टेट की कोशिकाएं असामान्य दिखती हैं, लेकिन वे कैंसर कोशिकाओं की तरह दूसरे हिस्सों में नहीं फैलतीं. PIN को दो श्रेणियों में बांटा जाता है:

लो-ग्रेड PIN – कोशिकाएं लगभग सामान्य दिखती हैं। इसे प्रोस्टेट कैंसर से जोड़कर नहीं देखा जाता.

हाई-ग्रेड PIN – कोशिकाएं अधिक असामान्य होती हैं और इससे भविष्य में कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है, लेकिन जरूरी नहीं कि यह कैंसर में बदले.

2. प्रोलिफेरेटिव इंफ्लेमेटरी एट्रॉफी (PIA)

इस स्थिति में कोशिकाएं सामान्य से छोटी हो जाती हैं और उस क्षेत्र में सूजन देखी जाती है. यह कैंसर नहीं है, और अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि यह हाई-ग्रेड PIN या प्रोस्टेट कैंसर में बदलता है या नहीं.

आगे क्या करें?

प्रोस्टेट कैंसर की जांच और स्टेजिंग से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें और आवश्यक टेस्ट जैसे कि बायोप्सी, PSA टेस्ट आदि करवाएं.

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