5 दिनों में 4 बार दिखें पहलगाम हमले के आतंकी, सुरक्षाबलों ने बरसाईं गोलियां, लेकिन फिर... घने जंगलों में कैसे चल रहा 'बिल्ली और चूहे' का खेल?
Pahalgam Terror Attack: पहलगाम हमले के आतंकी पिछले पांच दिन में चार बार सुरक्षाबलों की पकड़ में आए, लेकिन हर बार निकल भागे. दक्षिण कश्मीर के घने जंगलों में 'बिल्ली और चूहे' की तरह पीछा करने की मुहिम चल रही है.

Pahalgam Terror Attack: सुरक्षाबलों ने पिछले पांच दिनों के दौरान कम से कम चार बार पहलगाम हमले के आतंकियों को विभिन्न स्थानों पर ट्रैक किया, और एक मौके पर तो वे लगभग उन्हें घेरने में कामयाब हो ही गए थे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एक बार तो दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी भी हुई, लेकिन आतंकी फिर भी बच निकलने में सफल रहे.
सूत्रों के अनुसार, आतंकियों का पता लगाने में स्थानीय निवासियों की जानकारी, खुफिया सूचनाएं और तलाशी अभियानों चलाया जा रहा है. एक सैन्य अधिकारी ने बताया, 'यह बिल्ली और चूहे का खेल है. कई बार वे साफ नजर आए, लेकिन घने जंगलों के कारण उन्हें पकड़ना बेहद कठिन हो गया.'
पहलगाम के जंगलों में जारी तलाशी अभियान
सेना, CRPF और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पहलगाम के आसपास के जंगलों में व्यापक कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन शुरू किया है. इन 4 आतंकियों में से 2 पाकिस्तान से हैं, जिन्होंने 21 अप्रैल को बैसरन घास के मैदानों में 26 लोगों की हत्या कर दी थी.
हपत नार से लेकर कोकरनाग तक आतंकियों की लोकेशन
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, आतंकियों को सबसे पहले अनंतनाग के पहलगाम तहसील के हपत नार गांव के जंगलों में देखा गया था. घने जंगलों का फायदा उठाते हुए वे वहां से भाग निकले. बाद में उन्हें कुलगाम के जंगलों में भी ट्रैक किया गया, जहां उनके साथ सुरक्षाबलों की मुठभेड़ भी हुई, लेकिन वे फिर बच निकले. इसके बाद उन्हें त्राल रिज और फिर कोकरनाग में देखा गया, जहां माना जा रहा है कि वे अब भी घूम रहे हैं.
भोजन जुटाने में बरत रहे हैं सावधानी
आतंकियों ने भोजन और आवश्यक वस्तुएं जुटाने के तरीके में अत्यधिक सतर्कता बरती है. एक अधिकारी ने बताया, 'आमतौर पर आतंकी गांवों में जाकर भोजन जुटाते हैं या स्थानीय संपर्कों से जंगलों में भिजवाते हैं, जिससे सुरक्षाबलों को सूचना मिलती है. लेकिन इस बार आतंकी बहुत सावधानी से काम कर रहे हैं.'
गांव वालों का खाना चुरा रहे आतंकी
उन्होंने बताया कि एक रात आतंकियों ने एक गांव में घुसकर खाना चुराया और तुरंत फरार हो गए. जब तक सुरक्षाबलों को जानकारी मिली और वे मौके पर पहुंचे, काफी देर हो चुकी थी.
आतंकियों के फोन से मिल सकती हैं अहम जानकारियां
सूत्रों के मुताबिक, आतंकियों ने बैसरन हत्याकांड के दौरान मारे गए पर्यटकों के दो मोबाइल फोन छीन लिए थे. अनुमान है कि वे इन फोनों का इस्तेमाल स्थानीय और सीमा पार संपर्क साधने में कर सकते हैं. तकनीकी खुफिया नेटवर्क इन फोनों की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है, जिससे महत्वपूर्ण सुराग मिलने की उम्मीद है.
कश्मीर और जम्मू में सुरक्षा चाक-चौबंद
वहीं, जम्मू-कश्मीर दोनों तरफ के काउंटर-इन्फिल्ट्रेशन ग्रिड को मजबूत कर दिया गया है और सीमा सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, ताकि आतंकी सीमा पार न कर सकें. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर पुलिस दक्षिण कश्मीर में आतंकियों के ओवरग्राउंड नेटवर्क से जुड़े संदिग्धों से पूछताछ कर रही है, ताकि हमले में शामिल अन्य लोगों और लॉजिस्टिक सपोर्ट का भी पता लगाया जा सके.