Wazahat Khan Qadri कौन है, जिसने शर्मिष्ठा पनोली के खिलाफ की शिकायत? जानिए सोशल मीडिया साइट X पर क्यों कर रहा ट्रेंड
Sharmistha Panoli Controversy: शर्मिष्ठा पनोली के खिलाफ हेट स्पीच की शिकायत करने वाले वजाहत खान खुद विवादों में घिर गए हैं. सोशल मीडिया पर उनके पुराने पोस्ट वायरल हो रहे हैं, जिनमें उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण, होली और कामाख्या मंदिर को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं. अब लोग दोहरे मापदंड और चयनात्मक आक्रोश पर सवाल उठा रहे हैं। इस विवाद ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और धार्मिक सहिष्णुता की बहस को और गहरा कर दिया है.
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Sharmistha Panoli Controversy: शर्मिष्ठा पनोली को लेकर भले ही हेट स्पीच के आरोप में केस दर्ज किया गया हो, लेकिन अब जिस शख्स ने उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत की, वह खुद कटघरे में खड़ा नजर आ रहा है. शिकायतकर्ता वजाहत खान कादरी की सोशल मीडिया गतिविधियों की जांच में ऐसे कई विवादित और आपत्तिजनक पोस्ट सामने आए हैं, जिनमें हिंदू देवी-देवताओं और धार्मिक परंपराओं को लेकर बेहद आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई हैं.
वजाहत खान कादरी अब सोशल मीडिया साइट X पर ट्रेंड कर रहा है. यूजर्स में उसके हिंदू देवी-देवताओं और धार्मिक परंपराओं के खिलाफ की कई टिप्पणी को लेकर आक्रोश है और वह इसके गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं. आक्रोश है कि अब तक आखिर वजाहत खान कादरी को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया.
कौन है वजाहत खान और क्यों दर्ज किया था केस?
वजाहत खान ने 15 मई 2025 को कोलकाता के गार्डनरीच पुलिस स्टेशन में शर्मिष्ठा पनोली के खिलाफ एफआईआर नंबर 136 के तहत शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि पनोली ने सोशल मीडिया पर ऐसा वीडियो डाला, जिससे धार्मिक भावनाएं आहत हुईं. इसके तहत भारतीय दंड संहिता की धारा 295A (अब भारतीय न्याय संहिता की धारा 299) में केस दर्ज किया गया.
शिकायतकर्ता के अपने पोस्ट बने सवालों के घेरे में
हालांकि अब वजाहत खान की ही सोशल मीडिया गतिविधियां जांच के घेरे में हैं। उनके कई पुराने पोस्ट्स वायरल हो रहे हैं, जिनमें उन्होंने खुद हिंदू धर्म, त्योहारों और देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक और अभद्र टिप्पणियां की थी.
वजाहत के पोस्ट में भगवान श्रीकृष्ण को लेकर कहा गया कि वह 'रंगीला' था जो छिपकर स्त्रियों को स्नान करते देखता था. वहीं होली जैसे लोकप्रिय त्योहार को 'बलात्कारी संस्कृति' बताया.
All the Social media warriors, do you have the guts to demand #ArrestWajahatKhan ?
Write with me . pic.twitter.com/bdQ5XbdS5E
कामाख्या देवी मंदिर को लेकर अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया गया और वहां की पूजा पद्धति पर अभद्र टिप्पणी की गई – जैसे कि 'कटा हुआ योनि की पूजा' और इसे 'मानसिक बीमारी' बताया. हिंदुओं को लेकर आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल, जैसे 'गौमूत्र पीने वाले' और 'बीमार लोग.'
सोशल मीडिया पर उठे सवाल
इन पोस्ट्स के सामने आने के बाद कई यूजर्स ने सवाल उठाए हैं कि क्या वजाहत खान द्वारा सिर्फ एकतरफा धार्मिक भावनाओं को आहत बताना उचित है, जबकि उन्होंने खुद भी कई बार दूसरी धर्मों को लेकर आपत्तिजनक बातें कही हैं?
मामले में राजनीतिक और कानूनी तूल
अब यह मुद्दा सिर्फ हेट स्पीच का नहीं, बल्कि धर्मनिरपेक्षता, कानून के समान पालन और सोशल मीडिया जिम्मेदारी का भी बन गया है. कानूनी जानकारों का मानना है कि अगर किसी के बयान से धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं तो कानून सब पर समान रूप से लागू होना चाहिए, न कि किसी एक पक्ष विशेष पर.
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