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कितना खतरनाक है रूस का AI से लैस फाइटर जेट Sukhoi Su-57? दुश्मनों के लिए आसमान से मौत

Russia Sukhoi Su-57 Features: Sukhoi Su-57 रूस का अत्याधुनिक फिफ्थ जनरेशन फाइटर जेट है जो स्टील्थ तकनीक, सुपरमैन्युवरबिलिटी और AI आधारित सिस्टम से लैस है. इसमें एडवांस्ड रडार, इन्फ्रारेड ट्रैकिंग, और AI द्वारा नियंत्रित सेंसर फ्यूजन जैसी खूबियाँ हैं जो इसे बेहद खतरनाक बनाती हैं. यह जेट हवा में डॉगफाइट, ग्राउंड अटैक, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर और भविष्य में ड्रोन ऑपरेशन जैसे मल्टीरोल मिशनों में सक्षम है.

Russia Sukhoi Su-57 Features: रूस का Sukhoi Su-57 लड़ाकू विमान, देश की सैन्य शक्ति का सबसे अत्याधुनिक उदाहरण है. इसे अमेरिका के F-22 Raptor और F-35 Lightning II जैसे फिफ्थ जनरेशन फाइटर जेट्स को टक्कर देने के लिए तैयार किया गया है. यह विमान स्टील्थ टेक्नोलॉजी, सुपरमैन्युवरबिलिटी, एडवांस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), और मल्टीरोल क्षमताओं से लैस है.

भारत के पास पांचवीं पीढ़ी के विमान खरीदने के लिए दो विकल्प हैं: F-35 या Su-57E (निर्यात संस्करण). अमेरिका और रूस दोनों ने भारत को अपने पांचवीं पीढ़ी के जेट विमानों की पेशकश की है. एयर शो के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका गए थे, जहां राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, 'हम भारत को एफ-35 स्टील्थ लड़ाकू विमान मुहैया कराने का रास्ता भी तैयार कर रहे हैं.' यह भारत को Su-57 खरीदने से रोकने के लिए एक स्पष्ट जवाबी पेशकश थी.

भारत के पास कितने फाइटर जेट प्लेन हैं?

भारतीय वायुसेना पहले से ही सात अलग-अलग प्रकार के लड़ाकू जेट विमानों का संचालन करती है- मिग-21, सेपेकैट जगुआर, मिग-29एम, सुखोई एसयू-30एमकेआई, मिराज 2000-5, राफेल और तेजस... सात अलग-अलग प्रकार के जेट विमानों को बनाए रखना और उनका रखरखाव करना बहुत बड़ा खर्च है. इसके साथ ही भारत के पास 513 फाइटर जेट्स का जखीरा है.

आइए जानते हैं कि आखिर यह AI आधारित फाइटर जेट Sukhoi Su-57 कितना ताकतवर है:

1. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की ताकत:

Su-57 में अत्याधुनिक AI-सहायता प्राप्त एवियोनिक्स सिस्टम लगे हैं, जो युद्ध के दौरान तेज फैसले लेने में मदद करते हैं:

  • AI खतरों की पहचान, रेडार जैमिंग और टारगेट ट्रैकिंग करता है.
  • यह पायलट को निर्णय लेने में सहायता करता है और सेंसर, डेटा और रडार को मैनेज करता है.
  • सेंसर फ्यूजन की मदद से यह युद्धक्षेत्र की पूरी तस्वीर पेश करता है.
  • भविष्य में इस जेट को ड्रोन (जैसे Okhotnik-B) नियंत्रित करने के लिए भी तैयार किया जा रहा है.

2. स्टील्थ तकनीक:

  • रडार को चकमा देने वाली विशेष कोटिंग, इंटरनल वेपन बे, और शार्प एयरोडायनामिक डिज़ाइन.
  • पुराने रूसी फाइटर्स की तुलना में काफी कम रडार क्रॉस सेक्शन, हालांकि F-35 जितना स्टील्थ नहीं है.
  • आधुनिक रडार और इंफ्रारेड सिस्टम से बच निकलने की क्षमता.

3. गति और चपलता:

  • अधिकतम गति: माक 2 (लगभग 2,470 किमी/घंटा).
  • रेंज: लगभग 3,500 किमी.
  • सुपरक्रूज़ क्षमता: आफ्टरबर्नर के बिना भी सुपरसोनिक गति.
  • 3D थ्रस्ट वेक्टरिंग तकनीक के साथ अद्वितीय एयर-टू-एयर युद्ध क्षमता.

4. एडवांस्ड रडार और सेंसर:

  • N036 'Byelka' AESA रडार सिस्टम से लैस जो 360 डिग्री कवरेज देता है.
  • इन्फ्रारेड सर्च एंड ट्रैक (IRST) सिस्टम से दुश्मन के विमान की पहचान बिना खुद का पता दिए हो जाती है.
  • AI की मदद से रीयल-टाइम सिचुएशनल अवेयरनेस.

5. हथियार प्रणाली:

  • स्टील्थ मिशन के लिए आंतरिक हथियार खानों का प्रयोग.
  • 10 मिसाइलें आंतरिक रूप से और ज़रूरत होने पर बाहरी हथियार तैनाती.

हथियारों में शामिल हैं:

  • R-77 और R-74 एयर-टू-एयर मिसाइलें.
  • KH-सीरीज़ की एयर-टू-ग्राउंड मिसाइलें.
  • सटीकता वाली बम प्रणाली (Precision-guided bombs).
  • हाइपरसोनिक हथियार (आगामी योजनाओं में).
  • 30 मिमी की तोप क्लोज रेंज डॉगफाइट के लिए.

6. मल्टीरोल क्षमताएं:

Su-57 को कई तरह के युद्ध अभियानों के लिए डिज़ाइन किया गया है:

  • एयर सुपीरियरिटी (हवाई वर्चस्व)
  • ग्राउंड स्ट्राइक
  • इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर
  • टोही मिशन
  • भविष्य में AI आधारित ड्रोन कमांड और कोऑर्डिनेशन.

7. भविष्य की तकनीक का मंच:

  • AI और मशीन लर्निंग सिस्टम सॉफ्टवेयर अपडेट के साथ और अधिक उन्नत होंगे.
  • छठी पीढ़ी की तकनीकों जैसे ह्यूमन-मशीन टीमिंग के लिए मंच तैयार कर रहा है.
  • यह S-70 Okhotnik-B जैसे स्टील्थ ड्रोन के साथ AI के जरिए मिशन को कॉर्डिनेट कर सकता है.

ताकत:

  • शानदार चपलता और डॉगफाइटिंग क्षमता.
  • AI आधारित स्मार्ट कॉकपिट.
  • 360 डिग्री सेंसर कवरेज.
  • ड्रोन ऑपरेशन में महारत.
  • एक ही विमान से कई युद्ध अभियानों को अंजाम देने की क्षमता.

कमज़ोरियां:

  • फिलहाल सीमित संख्या में ही मौजूद है.
  • AI सिस्टम युद्ध के मैदान में पूरी तरह से टेस्टेड नहीं है.
  • स्टील्थ क्षमता अभी भी F-22 और F-35 से थोड़ी कम मानी जाती है.

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