MSME से लेकर आम टैक्सपेयर तक... नए बिल से टैक्स सिस्टम होगा S.I.M.P.L.E, आसान भाषा में समझें
लोकसभा ने सोमवार को इनकम टैक्स (No 2) बिल 2025 पास कर दिया, जो 1961 के पुराने इनकम टैक्स एक्ट की जगह लेगा और 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक नया कानून टैक्स सिस्टम को S.I.M.P.L.E बनाता है, जिससे भाषा आसान, विवाद कम और प्रक्रिया पारदर्शी होगी.

New Income Tax Bill 2025: देश में टैक्स देने के नियमों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। संसद के लोकसभा ने सोमवार को इनकम टैक्स (नंबर 2) बिल पास कर दिया, जो 1961 से लागू पुराने इनकम टैक्स एक्ट की जगह लेगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे S.I.M.P.L.E बनाने का वादा किया है, यानी – Streamlined structure and language, Integrated and concise, Minimised litigation, Practical and transparent, Learn and adapt, Efficient tax reforms.
हालांकि, इस बिल को पारित करते समय विपक्ष ने बिहार में मतदाता सूची संशोधन को लेकर जमकर विरोध किया.
285 सुझावों के साथ नया ड्राफ्ट
बिल का पहला ड्राफ्ट फरवरी में पेश हुआ था, जिसे बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा की अध्यक्षता वाली सिलेक्ट कमेटी को भेजा गया. इस कमेटी ने 285 सुझाव दिए, जिनमें से ज्यादातर सरकार ने मान लिए.
बैजयंत पांडा ने कहा कि नया बिल टैक्स सिस्टम को 50% तक सरल बना देगा और व्यक्तिगत टैक्सदाताओं व MSME को अनावश्यक मुकदमों से राहत देगा.
पुराना इनकम टैक्स एक्ट अब तक 4,000 से ज्यादा बार बदला जा चुका है और इसमें पांच लाख से ज्यादा शब्द हैं, जिससे यह बेहद जटिल हो चुका था.
नए इनकम टैक्स बिल की बड़ी बातें
रिफंड में राहत – देर से रिटर्न भरने पर भी टैक्सपेयर्स रिफंड ले सकेंगे.
TDS पर पेनल्टी खत्म – TDS लेट फाइल करने पर कोई पेनल्टी नहीं होगी.
Nil-TDS सर्टिफिकेट – जिनकी टैक्स देनदारी नहीं है, वे पहले से ही 'Nil Certificate' ले सकेंगे.
पेंशन पर टैक्स छूट – कम्यूटेड पेंशन (एकमुश्त पेंशन भुगतान) पर स्पष्ट टैक्स डिडक्शन मिलेगा.
इंटर-कार्पोरेट डिविडेंड छूट – धारा 80M के तहत फिर से लागू, ताकि डबल टैक्सेशन से बचा जा सके.
हाउस प्रॉपर्टी इनकम – स्टैंडर्ड डिडक्शन 30% तय, साथ ही होम लोन के ब्याज की भी कटौती.
MSME की परिभाषा स्पष्ट – माइक्रो और स्मॉल एंटरप्राइजेज की परिभाषा निवेश और टर्नओवर के आधार पर MSME एक्ट 2020 से मिलाई जाएगी.
टैक्स ईयर की नई व्यवस्था
सबसे अहम बदलाव यह है कि अब 'टैक्स ईयर' की अवधारणा लागू होगी. मतलब, जिस साल आप आय कमाएंगे, उसी साल उसका टैक्स भी भरना होगा. अभी तक ऐसा होता है कि किसी वित्त वर्ष (FY) की आय का टैक्स अगले असेसमेंट ईयर (AY) में चुकाया जाता है.
इसके अलावा, कई पुराने और गैर-जरूरी प्रावधान, जैसे 'फ्रिंज बेनिफिट टैक्स', को हटा दिया गया है. TDS, वेतन, खराब कर्ज और अनुमानित कराधान जैसे मामलों के लिए स्पष्ट टेबल जोड़े गए हैं.
क्या नहीं बदलेगा?
नए इनकम टैक्स बिल में टैक्स स्लैब वही रहेंगे. वित्त मंत्रालय ने साफ किया है कि अदालतों द्वारा परिभाषित कई 'कीवर्ड' और 'फ्रेज़' भी बरकरार रहेंगे.
खास बात
लोकसभा ने सोमवार को टैक्सेशन लॉज (अमेंडमेंट) बिल 2025 भी पास किया, जिससे सऊदी अरब के सॉवरेन वेल्थ फंड और उसकी सहायक कंपनियों को भारत में निवेश पर डायरेक्ट टैक्स छूट मिलेगी.
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