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कम खर्च में भी नहीं बची AAP, कांग्रेस ने पैसा बहाया लेकिन साफ, BJP का क्या है हाल? 2025 दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर देखिए पूरी रिपोर्ट

Delhi Assembly Election 2025 Party Expenditure: चुनाव आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, आम आदमी पार्टी (AAP) ने 2025 दिल्ली विधानसभा चुनाव में 31% कम खर्च किया, जबकि कांग्रेस का खर्च 67% बढ़ गया. AAP ने करीब 14.51 करोड़ रुपये खर्च किए, जबकि कांग्रेस ने 46.18 करोड़ रुपये। बावजूद इसके, AAP सिर्फ 22 सीटों पर सिमटी और कांग्रेस तीसरी बार खाता नहीं खोल पाई. बीजेपी ने 70 में से 48 सीटें जीतीं. बीजेपी की पूरी खर्च रिपोर्ट अभी सामने नहीं आई, लेकिन उम्मीदवारों पर 17 करोड़ रुपये खर्च किए गए.

Delhi Assembly Election 2025 Party Expenditure: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के बाद चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस की चुनावी खर्च की रिपोर्ट जारी की है. इन आंकड़ों से दोनों दलों की रणनीति, संसाधनों और प्राथमिकताओं का बारीकी से विश्लेषण किया जा सकता है. जहां एक ओर AAP का कुल खर्च 2020 की तुलना में घटा है, वहीं कांग्रेस ने इस बार पहले से कहीं ज़्यादा खर्च किया है.

AAP का चुनावी खर्च 31% घटा, लेकिन हार मिली करारी

चुनाव आयोग द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, आम आदमी पार्टी ने इस बार 2025 के चुनाव में कुल 14.51 करोड़ रुपये खर्च किए, जो कि 2020 में हुए 21.06 करोड़ रुपये के खर्च से 31% कम है.

खर्च का ब्योरा:

जनरल प्रचार-प्रसार पर खर्च: 12.12 करोड़ रुपये

इसमें शामिल है: मीडिया विज्ञापन, फोन कॉल्स, बल्क एसएमएस, गूगल एड्स आदि

उम्मीदवारों पर खर्च: 2.39 करोड़ रुपये

चुनावी अवधि में प्राप्त राशि: 16.09 करोड़ रुपये

चुनाव के बाद बैंक बैलेंस: 9.96 करोड़ रुपये

राजनीतिक असर: इस बार चुनावों में AAP को करारी हार मिली. बीजेपी ने 70 में से 48 सीटें जीत लीं, जबकि AAP सिर्फ 22 सीटों पर सिमट गई. इस हार ने AAP की लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी की उम्मीदों पर पानी फेर दिया.

कांग्रेस ने खर्च बढ़ाया 67%, फिर भी तीसरी बार खाता नहीं खुला

कांग्रेस पार्टी ने 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में 46.18 करोड़ रुपये खर्च किए, जबकि 2020 में उसने 27.68 करोड़ रुपये खर्च किए थे. यानी इस बार 67% ज़्यादा खर्च किया गया, लेकिन इसके बावजूद पार्टी तीसरी बार भी कोई सीट नहीं जीत सकी.

खर्च का ब्योरा:

जनरल प्रचार-प्रसार पर खर्च: 40.13 करोड़ रुपये

उम्मीदवारों पर खर्च: 6.05 करोड़ रुपये (जिसमें सोशल मीडिया कैंपेन भी शामिल)

विज्ञापन पर खर्च: 17.78 करोड़ रुपये

प्रिंट विज्ञापन: 2.28 करोड़ रुपये (The National Herald को दिए गए, जो गांधी परिवार से जुड़ा है)

चुनावी अवधि में प्राप्त राशि: 64.31 करोड़ रुपये

चुनाव के बाद बैंक बैलेंस: 53.66 करोड़ रुपये

राजनीतिक असर: कांग्रेस की स्थिति जस की तस बनी रही. पार्टी दिल्ली में 2015 से ही खाता नहीं खोल पाई है.

भाजपा की रिपोर्ट आंशिक, उम्मीदवारों पर 17 करोड़ खर्च

चुनाव आयोग ने अभी तक भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की पूरी चुनावी खर्च रिपोर्ट प्रकाशित नहीं की है. हालांकि, उम्मीदवारों पर खर्च की जानकारी साझा की गई है.

बीजेपी ने 68 उम्मीदवारों को 25-25 लाख रुपये दिए

कुल उम्मीदवार खर्च: 17 करोड़ रुपये

खर्च और नतीजों में कोई सीधा संबंध नहीं

चुनाव आयोग की इन रिपोर्ट्स से यह साफ हो गया है कि अधिक खर्च करने से जीत की गारंटी नहीं होती.

AAP ने खर्च घटाया लेकिन सीटें भी गिरीं.

कांग्रेस ने खर्च बढ़ाया लेकिन नतीजा नहीं बदला.

बीजेपी की पूरी रिपोर्ट आना बाकी है, लेकिन उसका प्रदर्शन सबसे मजबूत रहा. 

चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, सभी राजनीतिक दलों को हर चुनाव के बाद अपने खर्च का पूरा लेखा-जोखा आयोग को सौंपना होता है. यह पारदर्शिता और जवाबदेही की प्रक्रिया का एक अहम हिस्सा है. 

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