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Ratan Tata family tree: जमशेदजी से लेकर नोएल टाटा तक के सदस्यों पर एक नज़र, रतन टाटा के पूरे परिवार की जानकारी

Ratan Tata family tree: रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था और वे भारत के सबसे प्रसिद्ध व्यापारिक परिवारों में से एक से ताल्लुक रखते थे. उनके निधन से देश ने एक महान व्यक्ति खो दिया. उनका अंतिम संस्कार पर सभी की आंखें नम थी. नुसरवानजी टाटा से लेकर रतन टाटा तक की उनके परिवार की जानकारी यहां हम आपको देने जा रहे हैं.

Ratan Tata family tree: टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष और मानद चेयरमैन रतन टाटा का 9 अक्टूबर को 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया. मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली. इस दौरान वह अपने पीछे एक विरासत छोड़ गए. उनके काम करने के तरीकों ने टाटा समूह को बदल कर रख दिया और भारत पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला. सबसे सम्मानित उद्योगपतियों में से एक के रूप में रतन टाटा ने टाटा समूह को ग्लोबल बिजनेस का पावर हाउस बनने की दिशा में आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. 

28 दिसंबर 1937 को जन्मे रतन टाटा भारत के सबसे प्रसिद्ध व्यापारिक परिवारों में से एक से ताल्लुक रखते हैं. उनके परिवार की वंशावली 19वीं सदी से शुरू होती है, जिसकी शुरुआत टाटा परिवार के संस्थापक नुसरवानजी टाटा से होती है. उन्होंने टाटा राजवंश की नींव रखी. 

आइए आज हम आपको रतन टाटा के वंश की पूरी जानकारी यहां बताते हैं.

नुसरवानजी टाटा (1822-1886) 

नुसरवानजी टाटा, टाटा परिवार के मुखिया थे. उनकी शादी जीवनबाई कवसजी टाटा से हुई थी और उनके पांच बच्चे जमशेदजी टाटा, रतनबाई टाटा, मानेकबाई टाटा, वीरबाई टाटा और जेरबाई टाटा थे. नुसरवानजी के बेटे जमशेदजी टाटा ने ही टाटा समूह की स्थापना की, जो भारत के सबसे बड़े और सबसे प्रभावशाली समूहों में से एक बन गया है. 

टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा (1839-1904) को अक्सर 'भारतीय उद्योग के जनक' के रूप में जाना जाता है. उन्होंने 1870 के दशक में मध्य भारत में एक कपड़ा मिल से अपनी एंटरप्रेन्योरशिप की यात्रा शुरू की. उनके विजन ने भारत के स्टिल और बिजली उद्योगों को आकार देने, तकनीकी शिक्षा संस्थानों की स्थापना करने और भारत की औद्योगिक प्रगति को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. 

जमशेदजी टाटा की शादी हीराबाई डब्बू से हुई थी और उनके तीन बच्चे सर दोराबजी टाटा, धुनबाई टाटा और सर रतन टाटा थे. 

सर दोराबजी टाटा (1859-1932) जमशेदजी के सबसे बड़े बेटे थे. उन्होंने टाटा समूह के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारत के औद्योगिक विकास में उनके योगदान के लिए 1910 में उन्हें नाइट की उपाधि दी गई. दोराबजी की कोई संतान नहीं थी और उन्होंने अपना अधिकांश जीवन परिवार की व्यावसायिक विरासत को आगे बढ़ाने में समर्पित कर दिया. 

जमशेदजी के छोटे बेटे सर रतन टाटा (1871-1918) भी पारिवारिक व्यवसाय और परोपकार में बहुत सक्रिय थे. उनकी शादी नवाजबाई सेट से हुई थी, लेकिन उन्हें कोई संतान नहीं थी. सर रतन टाटा की मृत्यु के बाद नवाजबाई ने नवल टाटा को गोद ले लिया. उन्होंने ही आगे चलकर परिवार की विरासत को संभाला. 

नवल एच. टाटा (1904-1989) सर रतन टाटा और नवाजबाई सेठ के दत्तक (गोल लिया गया संतान) पुत्र थे. नवल टाटा ने सूनू कमिसरियट से शादी की और उनके दो बेटे रतन टाटा और जिमी टाटा हुए. रतन टाटा की उम्र जब मात्र 10 साल थी, तब नवल और सूनू का तलाक हो गया. बाद में नवल ने सिमोन डुनोयर से शादी की और उनका एक बेटा नोएल टाटा था. 

रतन टाटा और उनका निकटतम परिवार

रतन टाटा अपने भाई जिमी टाटा और उनके सौतेले भाई नोएल टाटा के साथ बड़े हुए. अपने माता-पिता के तलाक के बाद रतन और जिमी का पालन-पोषण उनकी दादी नवाजबाई सेट ने मुंबई में पारिवारिक टाटा पैलेस में किया. 

रतन टाटा (1937-2024) ने अपना अधिकांश जीवन टाटा समूह को समर्पित किया. 1991 से 2012 में अपनी रिटायर होने तक वे इसके अध्यक्ष रहे. उन्होंने जगुआर लैंड रोवर जैसे वर्ल्ड क्लास कार को टाटा समूह का हिस्सा बनाकर कंपनी वर्ल्ड लेवल तक पहुंचाया. उन्होंने टाटा ट्रस्ट के माध्यम से कई परोपकार के काम भी किए. इसके साथ ही भारत भर में विभिन्न सामाजिक और धर्मार्थ परियोजनाओं पर काम किया. 

रतन टाटा के छोटे भाई जिमी टाटा अधिकांशतः सार्वजनिक नजरों से दूर रहे और कभी भी टाटा समूह की ओर ध्यान नहीं दिया. वह चर्चाओं से दूर बेहद साधारण जिंदगी जीते हैं. मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करते. टू बेडरूम के फ्लैट में रहते हैं. हालांकि उनके पास धन की कोई कमी नहीं, क्योंकि टाटा संस की कुछ हिस्सेदारी उनके पास भी है.

रतन और जिमी के सौतेले भाई नोएल टाटा वर्तमान में टाटा समूह में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं. वे टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन के अध्यक्ष और टाटा इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक हैं. कई लोग नोएल टाटा को टाटा समूह के भीतर भविष्य के नेतृत्व के लिए एक मजबूत दावेदार मानते हैं. खासकर रतन टाटा के निधन के बाद टाटा समूह को लेकर सभी की निगाहें उन्हीं की तरफ है. 

नोएल टाटा का परिवार

नोएल टाटा ने आलू मिस्त्री से शादी की, जो एक अन्य प्रसिद्ध उद्योगपति और टाटा संस में एक प्रमुख शेयरधारक पल्लोनजी मिस्त्री की बेटी हैं. उनके तीन बच्चे लिआह टाटा, माया टाटा और नेविल टाटा हैं. उनकी सबसे बड़ी बेटी लीह टाटा ने मैड्रिड के IE बिजनेस स्कूल से मार्केटिंग में मास्टर डिग्री प्राप्त की है और वह टाटा समूह के साथ काम करती हैं. वर्तमान में वह इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (IHCL) में उपाध्यक्ष के पद पर काम कर रही हैं. 

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