मणिपुर में सरकार बनाने का रास्ता साफ! राज्यपाल से मिले 8 BJP समेत 10 विधायक, दावा किया पेश
Manipur: मणिपुर में बीजेपी और सहयोगी दलों ने राजनीतिक पहल करते हुए राज्यपाल से सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है. अब निगाहें राज्यपाल के फैसले और आने वाले राजनीतिक घटनाक्रम पर टिकी हैं.

Manipur: मणिपुर में एक बार फिर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के 8 विधायकों समेत कुल 10 विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाकात की और राज्य में नई सरकार बनाने का दावा पेश किया.
इस प्रतिनिधिमंडल में बीजेपी के अलावा नेशनल पीपल्स पार्टी (NPP) के एक विधायक और एक निर्दलीय विधायक शामिल थे. बैठक इंफाल स्थित राजभवन में हुई, जहां विधायकों ने राज्यपाल को एक हस्ताक्षरित दस्तावेज सौंपा.
#WATCH | Manipur: 10 MLAs, including 8 BJP, 1 NPP, and 1 Independent MLA met Manipur Governor Ajay Kumar Bhalla at the Raj Bhavan in Imphal, to stake claim to form a government in the state. pic.twitter.com/BMM82tdy50
समर्थन पत्र में 22 विधायकों के हस्ताक्षर
प्रतिनिधिमंडल की ओर से निर्दलीय विधायक सपम निशिकांत सिंह ने मीडिया को जानकारी दी कि उन्होंने राज्यपाल को एक ऐसा पत्र सौंपा है जिसमें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के कुल 22 विधायकों के हस्ताक्षर हैं. इस पत्र के माध्यम से उन्होंने राज्य में लोकप्रिय सरकार बनाने की इच्छा जताई है.
सपम निशिकांत सिंह ने कहा, 'हम चाहते हैं कि मणिपुर में जल्द से जल्द एक लोकप्रिय सरकार का गठन हो. सभी एनडीए विधायक सरकार के गठन को लेकर एकजुट और उत्साहित हैं. हमने राज्यपाल से अपील की है कि वे जनता की आकांक्षाओं का सम्मान करते हुए जल्द निर्णय लें.'
क्या है राजनीतिक पृष्ठभूमि?
मई 2023 से इंफाल घाटी में स्थित मैतेईस और कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 260 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं. इसके बाद मणिपुर में पिछले कुछ समय से राजनीतिक अस्थिरता का माहौल रहा है. एनडीए के भीतर कई विधायकों की नाराजगी की खबरें भी आती रही हैं.
इस बीच राज्य में हिंसा और सामाजिक तनाव की घटनाओं ने भी सरकार पर दबाव बढ़ाया था. एन बीरेन सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद केंद्र ने 13 फरवरी को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया है. विधानसभा को निलंबित अवस्था में रखा गया है, जिसका कार्यकाल 2027 तक है.
आगे क्या?
अब जब NDA के 22 विधायक एक साथ आकर सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं, तो राजनीतिक हलकों में इसे एक स्थायित्व की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.
राज्यपाल अजय कुमार भल्ला अब इस पर विचार करेंगे कि क्या ये विधायक बहुमत साबित करने में सक्षम हैं या नहीं. अगर राज्यपाल संतुष्ट होते हैं, तो जल्द ही मणिपुर में नई सरकार के शपथ ग्रहण की संभावना बन सकती है.
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