दुनिया का सबसे महंगा पदार्थ Antimatter क्या है, जिसे ले जाने के लिए बनाया गया 5,29,15,24,60,20,00,000 रुपये का कंटेनर?
Antimatter Container: वैज्ञानिकों ने एक ऐसा कंटेनर तैयार किया है, जो पहली बार एंटीमेटर को लैब से बाहर ट्रांसपोर्ट करने की क्षमता रखता है. यह एंटीमेटर, जो दुनिया का सबसे महंगा पदार्थ है, 62 ट्रिलियन डॉलर में आंकी जाती है. यह कंटेनर, जिसे CERN (European Organization for Nuclear Research) के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है, दो मीटर लंबा है और इसे चार किलोमीटर तक ट्रांसपोर्ट किया गया.

Antimatter Container: दुनिया के सबसे महंगे पदार्थ एंटीमैटर (Antimatter) को अब पहली बार प्रयोगशाला से बाहर ले जाने की सुविधा मिल गई है. European Organization for Nuclear Research (CERN) के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा विशेष कंटेनर तैयार कर लिया है जो $62 ट्रिलियन डॉलर (करीब 5,000 लाख करोड़ रुपए) की लागत वाले इस पदार्थ को सुरक्षित तरीके से एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचा सकता है.
वैज्ञानिकों ने दो मीटर लंबा एक कंटेनर तैयार किया है, जिसमें प्रोटॉन आधारित एंटीमैटर को चार किलोमीटर तक ट्रक से CERN परिसर (Meyrin Site) में ही ले जाया गया. इस कंटेनर में अत्याधुनिक सुपरकंडक्टिंग मैग्नेट लगे हैं जो एंटीमैटर को चुंबकीय रूप से फंसा कर रखते हैं. कंटेनर को ऊर्जा देने के लिए बैटरी, क्रायोपंपिंग, और लिक्विड हीलियम (LHe) का उपयोग किया गया ताकि परिवहन के दौरान पदार्थ नष्ट न हो.
एंटीमैटर क्या होता है? आसान भाषा में समझें
एंटीमैटर भी वैसा ही होता है जैसा आम पदार्थ (matter), लेकिन इसमें विद्युत आवेश (electric charge) उल्टा होता है. उदाहरण से समझें: इलेक्ट्रॉन एक कण (particle) है, जिसका ऋणात्मक चार्ज (negative charge) होता है. इसका एंटीमैटर साथी होता है पॉज़िट्रॉन (positron) — जिसका द्रव्यमान (mass) इलेक्ट्रॉन जितना ही होता है, लेकिन उसका चार्ज धनात्मक (positive) होता है.
बिना चार्ज वाले कणों का क्या?
कुछ कण, जैसे न्यूट्रॉन, जिनमें कोई चार्ज नहीं होता, वे अक्सर खुद ही अपने एंटीमैटर पार्टनर होते हैं. लेकिन वैज्ञानिक अब भी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि न्यूट्रीनो (neutrino) नाम के बेहद छोटे और रहस्यमयी कण भी क्या खुद ही अपने एंटीमैटर पार्टनर हैं या नहीं.
क्या एंटीमैटर असली होता है?
हां, एंटीमैटर पूरी तरह से असली है. ये कोई साइंस फिक्शन की चीज़ नहीं है. जब बिग बैंग हुआ था (यानी ब्रह्मांड की शुरुआत), उस समय सामान्य पदार्थ और एंटीमैटर दोनों बने थे. लेकिन आज के ब्रह्मांड में एंटीमैटर बहुत कम पाया जाता है और वैज्ञानिक यह नहीं समझ पाए हैं कि क्यों...
क्यों है एंटीमैटर इतना संवेदनशील?
एंटीमैटर यदि सामान्य मैटर (जैसे हवा, धूल, या ठोस पदार्थ) से टकरा जाए तो यह तुरंत नष्ट हो जाता है और अत्यधिक ऊर्जा उत्पन्न करता है. इसलिए इसे एक जगह से दूसरे जगह तक ले जाने के लिए अत्यधिक नियंत्रित और सुरक्षित वातावरण की जरूरत होती है.
क्या है इसका वैज्ञानिक महत्व?
यह सफलता भविष्य में यूनिवर्स के निर्माण, डार्क मैटर और एनर्जी उत्पादन की गुत्थियों को सुलझाने में अहम भूमिका निभा सकती है. यह प्रयोग दुनिया भर की प्रयोगशालाओं में एंटीमैटर रिसर्च को गति देगा.
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