भारत में बनाए जाएंगे अमेरिका में बिकने वाले सभी iPhones, Apple ने क्यों लिया ये फैसला? US-चीन ट्रेड वार के बीच हिंदुस्तान बन रहा 'गुरु'
Apple Made iPhones In India: Apple का भारत में उत्पादन बढ़ाना सिर्फ एक रणनीतिक कदम नहीं है, बल्कि यह वैश्विक जियोपॉलिटिकल चुनौतियों से बचने और लॉन्ग-टर्म कॉस्ट एफिशिएंसी हासिल करने का भी जरिया है. भारत की ओर बढ़ता हुआ यह झुकाव आने वाले वर्षों में देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को भी नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है.

Apple Made iPhones In India: अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते ट्रेड वॉर के बीच, टेक दिग्गज Apple ने एक बड़ा निर्णय लिया है. कई मीडिया रिपोर्ट्स दावा कर रहे हैं कि Apple 2026 तक अमेरिका में बिकने वाले सभी iPhones का निर्माण भारत में करने की योजना बना रहा है. यह कदम कंपनी को चीन पर संभावित टैरिफ एक्शन से बचाने में मदद करेगा. अमेरिका और चीन के बीच हो रहे ट्रेड वार में भारत की ओर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी की नजर है... ऐसे में इससे भारत में न सिर्फ जॉब क्रिएशन होगा, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था भी तेजी से दौड़ेगी.
Apple ने पिछले कुछ दशकों में चीन में गहरा और जटिल सप्लाई चेन नेटवर्क तैयार किया है... लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए कंपनी अब भारत में अपने उत्पादन को बड़े पैमाने पर बढ़ाने की तैयारी में है. फिलहाल Apple अमेरिका में हर साल 60 मिलियन से अधिक iPhones बेचता है. भारत में पिछले वित्त वर्ष में कंपनी ने कुल 22 अरब डॉलर मूल्य के iPhones का उत्पादन किया, जो उसकी वैश्विक उत्पादन क्षमता का लगभग 20% है. इनमें से लगभग 18 अरब डॉलर के iPhones भारत से निर्यात किए गए.
भारत में क्यों पांव पसार रहा Apple?
भारत सरकार द्वारा 2020 में पेश की गई Production Linked Incentive (PLI) Scheme ने Apple के भारत में निवेश को बढ़ावा दिया. इस योजना के तहत कंपनियों को उनकी अतिरिक्त बिक्री के आधार पर सब्सिडी मिलती है. शुरुआत में Apple ने भारत में पुराने iPhone मॉडल्स का उत्पादन शुरू किया था, लेकिन अब कंपनी भारत में अपने सभी मॉडल्स, यहां तक कि हाई-एंड Pro Series भी बना रही है.
Apple के कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स — Foxconn, Wistron और Pegatron — इस योजना के सबसे बड़े लाभार्थी रहे हैं. Wistron और Pegatron को अब Tata Group ने अधिग्रहित कर लिया है, जिससे भारतीय मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को और मजबूती मिली है.
Supply Chain में भारत का बढ़ता योगदान
चुनौतियां भी कम नहीं हैं. लेकिन 2023 में Apple के सप्लायर्स की लिस्ट के अनुसार, 157 सप्लायर्स अभी भी मुख्य रूप से चीन में आधारित थे, जबकि भारत में सप्लायर्स की संख्या केवल 14 थी... लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 64 हो गई है, जो भारत में सप्लाई चेन विस्तार का संकेत देती है.
टैरिफ जोखिम से बचाव के लिए भारत की ओर रूख
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तहत चीन पर लगाए गए टैरिफ ने Apple को भी प्रभावित किया. हालांकि कुछ कैटेगरीज को छूट दी गई थी (जैसे स्मार्टफोन्स और कंप्यूटर), लेकिन भविष्य में इन पर नए टैरिफ लगने की आशंका बनी हुई है.
इस स्थिति में भारत से निर्माण और निर्यात करना Apple के लिए एक लागत प्रभावी विकल्प बन सकता है. भारत को अपेक्षाकृत कम टैरिफ दर मिली थी और अमेरिका ने भारत पर रिटेलिएटरी टैरिफ भी 90 दिनों के लिए स्थगित किए थे.
PLI योजना के तहत भारी सब्सिडी
Apple और उसके मैन्युफैक्चरिंग पार्टनर्स ने भारत सरकार के PLI Scheme के तहत सबसे ज्यादा सब्सिडी प्राप्त की है. 2022-23 से 2024-25 के बीच सरकार ने लगभग 1 अरब डॉलर की सब्सिडी वितरित की है, जिसमें से 75% से अधिक राशि Apple के कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स — Foxconn, Tata Electronics और Pegatron — को मिली है.
तीनों ने कुल लगभग 6,600 करोड़ रुपये की सब्सिडी तीन वर्षों में प्राप्त की है. 2023-24 में, Foxconn को सबसे ज्यादा सब्सिडी (करीब 2,450 करोड़ रुपये) मिली. 2024-25 में, Foxconn को कोई सब्सिडी नहीं दी गई, जबकि Samsung को लगभग 958 करोड़ रुपये की सबसे बड़ी सब्सिडी मिली.