'पाकिस्तान आर्मी चीफ का हाल आतंकी ओसामा बिन लादेन जैसा हो', पहलगाम टेरर अटैक के बाद पूर्व अमेरिकी अफसर का तीखा वार
अमेरिका के पूर्व पेंटागन अधिकारी ने की पाकिस्तानी सेना प्रमुख की तुलना ओसामा बिन लादेन से करते हुए पहलगाम हमले पर पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है. माइकल रूबिन ने कहा कि ओसामा बिन लादेन और असीम मुनीर में फर्क सिर्फ इतना है कि एक गुफा में रहता था और दूसरा महल में.

पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर कड़ा एक्शन लिया है. इस बीच अमेरिका के पूर्व पेंटागन अधिकारी और अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट (AEI) के वरिष्ठ सदस्य माइकल रूबिन ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान और उसकी सेना के प्रमुख जनरल असीम मुनीर पर तीखा हमला बोला है.
न्यूज एजेंसी ANI को दिए बयान में रूबिन ने असीम मुनीर की तुलना अल-कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन से करते हुए कहा, 'ओसामा बिन लादेन और असीम मुनीर में फर्क सिर्फ इतना है कि बिन लादेन गुफा में रहता था और असीम मुनीर महल में रहता है, लेकिन बाकी हर मायने में दोनों एक जैसे हैं और उनका अंजाम भी एक जैसा होना चाहिए.'
अमेरिका को असीम मुनीर को आतंकवादी घोषित करना चाहिए: रूबिन
रूबिन ने साफ तौर पर कहा कि पहलगाम हमले के जवाब में अमेरिका को पाकिस्तान को आतंकवाद को प्रायोजित करने वाला देश घोषित करना चाहिए और असीम मुनीर को भी आतंकवादी करार देना चाहिए. उन्होंने इस हमले को ‘स्पॉनटेनियस’ यानी स्वतःस्फूर्त कार्रवाई बताने की किसी भी कोशिश को खारिज कर दिया और इसे पाकिस्तान की सोची-समझी साजिश बताया.
उन्होंने ‘लिपस्टिक ऑन अ पिग’ (सुअर के मुंह पर लिपस्टिक लगाने) जैसी तीखी उपमा का इस्तेमाल करते हुए कहा कि इस तरह के हमलों को छिपाने या उनका महज राजनीतिक बहाना बनाने की कोई गुंजाइश नहीं है. रूबिन ने इस हमले के समय को लेकर भी इशारा करते हुए कहा कि जैसे जब बिल क्लिंटन भारत दौरे पर आए थे तो एक आतंकी हमला हुआ था, ठीक वैसे ही अब जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस भारत दौरे पर हैं, तब भी पाकिस्तान ने ध्यान भटकाने की मंशा से यह हमला करवाया है.
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ उठाए कड़े राजनयिक कदम
जहां एक ओर देशभर में पहलगाम हमले के शिकार हुए 26 लोगों के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया चल रही है, वहीं भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कठोर कूटनीतिक निर्णयों की घोषणा की है.
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया:
पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों को भारत से निष्कासित किया गया है.
1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है.
अटारी बॉर्डर स्थित लैंड ट्रांजिट पोस्ट को बंद किया जा रहा है.
SAARC वीज़ा पर भी रोक
विदेश सचिव ने यह भी स्पष्ट किया कि अब किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को SAARC वीज़ा छूट योजना (SVES) के तहत भारत आने की अनुमति नहीं दी जाएगी. भारत में पहले से SVES वीज़ा पर मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटों के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया है.
इसके अलावा, नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात रक्षा, नौसेना, वायुसेना और सैन्य सलाहकारों को "अवांछित व्यक्ति" (Persona Non Grata) घोषित कर दिया गया है और उन्हें एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ना होगा.
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