NDA से वफादारी के बदले मिला अन्याय... चिराग के चाचा पशुपति पारस का छलका दर्द, बिहार चुनाव को लेकर बताया अपना मास्टरप्लान
Pashupati Paras On Bihar Assembly Election 2025: राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) प्रमुख पशुपति कुमार पारस ने सोमवार को एनडीए छोड़ने के अपने फैसले की घोषणा की. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि एनडीए के साथ वफा के बदले उन्हें अन्याय मिला है.

Pashupati Paras On Bihar Assembly Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 7 से 8 महीने में इस साल के अंत तक होने हैं. इससे पहले राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) चीफ पशुपति कुमार पारस का दर्द सामने आया है. उन्होंने बिहार चुनाव से ठीक पहले NDA छोड़ने पर खुल कर बात की है. चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस ने खुद को एनडीए का वफादार बताया और कहा कि उनके साथ NDA ने अन्याय किया, जिसका उन्हें काफी दर्द है.
एनडीए छोड़ने के अपने फैसले पर पशुपति पारस ने कहा, 'मैं 2014 से लेकर आज तक एनडीए के साथ था. हम एनडीए के वफादार सहयोगी थे. आपने देखा होगा कि जब लोकसभा चुनाव हुए थे तो एनडीए के लोगों ने हमारी पार्टी के साथ अन्याय किया क्योंकि यह एक दलित पार्टी है.'
#WATCH | Patna, Bihar: On his decision to quit NDA, Rashtriya Lok Janshakti Party (RLJP) chief Pashupati Kumar Paras says, "I was with the NDA since 2014 till date. We were loyal allies of the NDA. You must have seen that when Lok Sabha elections were held, people of NDA did… pic.twitter.com/UBW8mlBGxy
— ANI (@ANI) April 14, 2025
'राष्ट्रहित में हमने NDA को दिया था समर्थन'
उन्होंने आगे कहा, 'फिर भी राष्ट्रहित में हमारी पार्टी ने चुनावों में एनडीए का समर्थन करने का फैसला किया. 6-8 महीने बाद जब भी बिहार में एनडीए की बैठक हुई तो बीजेपी के राज्य प्रमुख और जेडी(यू) के राज्य प्रमुख ने बयान जारी किया कि वे बिहार में '5 पांडव' हैं.'
पशुपति पारस ने आगे कहा, 'उन्होंने कहीं भी हमारी पार्टी का नाम नहीं लिया. इसलिए हम मजबूर थे. हम लोगों के बीच जा रहे हैं और सदस्यता अभियान शुरू कर दिया है. हम सभी 243 सीटों के लिए तैयारी कर रहे हैं. अगर महागठबंधन हमें सही समय पर उचित सम्मान देता है तो हम निश्चित रूप से भविष्य में राजनीति के बारे में सोचेंगे.'
पशुपति पारस पहले भी हुए नाराज
2024 के लोकसभा चुनाव में NDA ने पशुपति पारस को एक भी सीट नहीं दी थी. इस पर पशुपति पारस नाराज भी हुए लेकिन वे NDA में बने रहे. अब पशुपति पारस का धैर्य टूट गया और उन्होंने अगल होने का फैसला किया. पिछले कुछ सालों में चिराग पासवान को पीएम मोदी का साथ मिला है, जिससे उनके 2024 के लोकसभा चुनाव से 5 सांसद चुने गए. इससे राजनीति में उनका कद भी बड़ा हुआ और पशुपति पारस को धक्का लगा.
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