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Endometriosis क्या है, इसमें महिलाओं को फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए कैसी होनी चाहिए डाइट? जानें एक्सपर्ट से पूरी जानकारी

Endometriosis: एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसी मेडिकल स्थिति है जिसमें गर्भाशय की अंदरूनी परत जैसा टिशू शरीर के अन्य हिस्सों में उगने लगता है, जैसे ओवरी, फेलोपियन ट्यूब या पेट की अंदरूनी सतह। इससे तेज़ पीरियड्स दर्द, सूजन, सेक्स के दौरान दर्द और बांझपन जैसी समस्याएं हो सकती हैं... हालांकि, दवाएं, हार्मोन थेरेपी, खानपान में बदलाव और कुछ मामलों में सर्जरी से इसके लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है.

Endometriosis: एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें गर्भाशय की अंदरूनी परत जैसी ऊतक (टिशू) गर्भाशय के बाहर विकसित होने लगते हैं। इससे महिलाओं को तेज़ दर्द, सूजन और अधिकतर मामलों में बांझपन (इन्फर्टिलिटी) का सामना करना पड़ता है. 

हालांकि, इसे खाने से पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता है, लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि एक सही डाइट इसके लक्षणों को कम करने और प्रजनन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभा सकती है.

एंडोमेट्रियोसिस क्या है?

एंडोमेट्रियोसिस एक महिलाओं से जुड़ी गंभीर और तकलीफदेह मेडिकल स्थिति है, जिसमें वह टिशू (ऊतक) जो आमतौर पर हर महीने गर्भाशय (uterus) के अंदर लाइनिंग बनाता है, गर्भाशय के बाहर विकसित होने लगता है। यह टिशू ओवरी (अंडाशय), फेलोपियन ट्यूब, और पेट की अंदरूनी सतह जैसे हिस्सों में पनप सकता है.

जब पीरियड्स आते हैं तो यह बाहर का टिशू भी उसी तरह रिएक्ट करता है... जैसे गर्भाशय की अंदरूनी परत करती है — यानी यह भी मोटा होता है, टूटता है और ब्लीड करता है. लेकिन क्योंकि यह शरीर से बाहर नहीं निकल सकता, अंदर सूजन, दर्द, चिपकाव (adhesions) और कभी-कभी बांझपन (infertility) की वजह बनता है.

गर्भधारण की कोशिश कर रही हैं? इन चीजों को डाइट में शामिल करें

डॉक्टर का कहना है कि अगर आप गर्भधारण की कोशिश कर रही हैं और आपको एंडोमेट्रियोसिस है तो कुछ खास खाद्य पदार्थ आपकी मदद कर सकते हैं. ये फूड्स सूजन कम करने, हार्मोन संतुलन बनाए रखने और शरीर की कुल सेहत को बेहतर बनाने में मदद करते हैं.

1. फल और सब्ज़ियां

फल और सब्ज़ियां एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होती हैं जो शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सूजन से लड़ने में मदद करते हैं — जो एंडोमेट्रियोसिस की बड़ी समस्याएं हैं. जैसे कि बेरीज़, पालक, केल, गाजर और शिमला मिर्च विटामिन A, C, और E से भरपूर होती हैं और अंडों की सेहत को बेहतर बनाती हैं.

2. ओमेगा-3 फैटी एसिड वाले फूड्स

सैल्मन, सार्डिन और मैकेरल जैसी फैटी मछलियां ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होती हैं, जिनमें एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजन कम करने वाले) गुण होते हैं. ये न सिर्फ एंडोमेट्रियोसिस से होने वाले दर्द को कम करते हैं बल्कि फर्टिलिटी भी बढ़ा सकते हैं. शाकाहारी लोगों के लिए अखरोट और अलसी (फ्लैक्ससीड) अच्छे विकल्प हैं.

3. होल ग्रेन्स (पूरा अनाज)

क्विनोआ, ओट्स, ब्राउन राइस और जौ जैसे होल ग्रेन्स फाइबर से भरपूर होते हैं. ये शरीर में अतिरिक्त एस्ट्रोजन को बाहर निकालने में मदद करते हैं और हार्मोन बैलेंस बनाए रखते हैं, जिससे सामान्य ओवुलेशन और गर्भधारण की संभावना बढ़ती है.

4. लीन प्रोटीन (कम वसा वाला प्रोटीन)

दालें, राजमा, टोफू जैसे पौधों से मिलने वाले प्रोटीन या फिर अंडे और चिकन जैसे लीन मीट प्रोटीन शरीर को ऊर्जा देते हैं, मसल्स रिपेयर करते हैं और हार्मोन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं. यह सब खासतौर पर तब ज़रूरी होता है जब आप किसी क्रॉनिक बीमारी से जूझ रही हों.

किन चीज़ों से बचें?

डॉक्टर बताते हैं कि प्रोसेस्ड फूड्स, मिठाइयां और रेड मीट शरीर में सूजन और हार्मोन असंतुलन बढ़ाते हैं, जिससे एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण और भी खराब हो सकते हैं. इन चीजों को कम करके आप शरीर को नेचुरली ठीक करने में मदद कर सकती हैं और गर्भधारण की संभावना को बेहतर बना सकती हैं.

एंडोमेट्रियोसिस के लक्षणों को नियंत्रित करने और फर्टिलिटी को बढ़ाने के लिए सही खानपान एक प्रभावी तरीका है. प्राकृतिक और पोषक तत्वों से भरपूर डाइट न सिर्फ लक्षणों को कम करती है बल्कि संपूर्ण प्रजनन स्वास्थ्य को भी सुधार सकती है.

NoOTE: ये जानकारी हम आपको समान्य जानकारी और कुछ डॉक्टर के सलाह के बाद आपको बता रहे हैं. KhabarPodcast इसकी पूरी तरह से पुष्टि नहीं करता है. अगर बिमारी गंभीर है, तो आप डॉक्टर की सलाह लें. 

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