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ट्रंप की दोस्ती पर भरोसा करना खतरनाक... भारत-अमेरिका रिश्तों पर पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोल्टन का बड़ा बयान

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच मजबूत निजी रिश्ते थे, लेकिन टैरिफ विवाद ने इसे तोड़ दिया. अमेरिका ने भारतीय सामान पर 50% तक टैरिफ लगाया और रूस से तेल खरीद को लेकर भारत पर लगातार दबाव बनाया. बोल्टन ने चेतावनी दी कि सिर्फ व्यक्तिगत रिश्ते किसी भी देश को ट्रंप की अप्रत्याशित विदेश नीति से नहीं बचा सकते.

Donald Trump Narendra Modi Relations: नई दिल्ली और वॉशिंगटन के रिश्तों में चल रही खटास पर अब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने खुलासा किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच एक समय बेहद करीबी निजी रिश्ते थे, लेकिन यह दोस्ती टैरिफ विवाद के चलते टूट गई.

ट्रंप-मोदी की दोस्ती में दरार

बोल्टन ने ब्रिटिश न्यूज़ आउटलेट LBC को दिए इंटरव्यू में कहा कि ट्रंप और मोदी के बीच व्यक्तिगत स्तर पर गहरी समझ थी, लेकिन भारत पर लगभग 50 फीसदी टैरिफ लगाए जाने के बाद हालात बिगड़ गए. भारत ने इन टैरिफ को अनुचित बताते हुए कड़ी निंदा की थी.

भारत का आरोप है कि अमेरिका, रूस से तेल खरीद को लेकर उसे निशाना बना रहा है, जबकि चीन कहीं ज्यादा तेल आयात कर रहा है लेकिन उस पर इतनी सख्ती नहीं की गई. इस बीच ट्रंप के ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव पीटर नवारो ने तो रूस-यूक्रेन युद्ध को ही मोदी वॉर तक कह डाला.

बोल्टन का ट्रंप पर वार

बोल्टन ने साफ कहा कि ट्रंप की विदेश नीति बेहद अनिश्चित और व्यक्तिगत रिश्तों पर आधारित है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर ट्रंप की पुतिन से अच्छी दोस्ती होती है तो वे मान लेते हैं कि अमेरिका और रूस के रिश्ते भी बेहतर हैं, जबकि असलियत इससे बिल्कुल अलग होती है.

बोल्टन ने यह भी चेतावनी दी कि ट्रंप की दोस्ती पर आंख मूंदकर भरोसा करना किसी भी देश के लिए खतरनाक हो सकता है.

विश्व नेताओं को चेतावनी

बोल्टन ने सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कियर स्टारमर जैसे नेताओं को भी चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि ट्रंप से व्यक्तिगत रिश्ते रखना अल्पकालिक फायदे तो दे सकता है, लेकिन यह कभी भी किसी देश को सबसे बुरे हालात से नहीं बचा पाएगा.

उनके मुताबिक, यह एक सबक है सभी नेताओं के लिए कि सिर्फ निजी रिश्तों के भरोसे विदेश नीति नहीं चल सकती है.

ट्रंप की 'अमेरिका फर्स्ट' नीति पर सवाल

बोल्टन के ये बयान ऐसे समय में आए हैं जब ट्रंप की 'अमेरिका फर्स्ट' नीति पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. इस नीति के तहत ट्रंप ने परंपरागत साझेदारियों को नज़रअंदाज़ कर, रिश्तों को सिर्फ लेन-देन की तरह देखा. नतीजतन, कई पुराने सहयोगियों के साथ अमेरिका के रिश्ते बिगड़े हैं.

साफ है कि ट्रंप-मोदी की कभी चर्चित रही दोस्ती अब बीते दिनों की बात हो गई है और भारत-अमेरिका रिश्तों को नया मोड़ मिल रहा है.

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