हवाई अड्डे, शिक्षा, अस्पताल... मालदीव के लिए भारत कैसे एक बेहतरीन पड़ोसी के तौर पर उभरा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2025 में मालदीव की आज़ादी की 60वीं वर्षगांठ पर दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे हैं. इस दौरान वे कई भारत-समर्थित परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे जो द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है. यह दौरा चीन के प्रभाव में आए मालदीव के साथ रिश्तों को फिर से पटरी पर लाने की कोशिश है.

India Maldives Relations: 2024 में भारत और मालदीव के रिश्तों में आई तल्ख़ियों के बाद अब रिश्तों को पटरी पर लाने की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 जुलाई को मालदीव की राजधानी माले पहुंचे, जहां वे दो दिवसीय दौरे के दौरान देश की 60वीं स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होंगे और भारत द्वारा सहायता प्राप्त कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे.
यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब पीएम मोदी हाल ही में ब्रिटेन दौरे पर इंडिया-UK फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर हस्ताक्षर करके लौटे हैं. अब उनका मालदीव दौरा राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्जू के निमंत्रण पर हो रहा है, जो चीन समर्थक माने जाते हैं और जिनके कार्यकाल के दौरान भारत-मालदीव रिश्तों में तनाव आ गया था.
As a special guesture Maldives President @MMuizzu received Prime Minister @narendramodi at Velana International airport, Male.
Other Ministers and officials from Maldives government also present to welcome PM Modi.
Maldivan citizens performed cultural dances to welcome Prime… pic.twitter.com/9RG5FfQZF9
'पड़ोसी प्रथम नीति' की मिसाल
भारत और मालदीव के बीच रिश्ते हमेशा से सौहार्दपूर्ण और सहयोगपूर्ण रहे हैं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी मालदीव को भारत की Neighbourhood First नीति का सजीव उदाहरण बता चुके हैं. चाहे कोविड महामारी हो या प्राकृतिक आपदाएं, भारत हर मौके पर मालदीव की मदद को आगे आया है.
पीएम मोदी की यात्रा में कौन-कौन सी परियोजनाओं का उद्घाटन होगा?
1. एयरपोर्ट का विस्तार: टूरिज्म और कनेक्टिविटी को बढ़ावा
भारत ने मालदीव में दो बड़े इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रोजेक्ट को फंड किया है:
हनीमाधू इंटरनेशनल एयरपोर्ट का विस्तार $800 मिलियन की Line of Credit से किया जा रहा है। यहां अब एयरबस A320 और बोइंग 737 विमान उतर सकेंगे.
गण इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण चेन्नई की एक कंपनी कर रही है। इस प्रोजेक्ट में ATC टॉवर, फायर स्टेशन, ड्यूटी फ्री शॉप्स जैसी सुविधाएं जोड़ी जा रही हैं और यह 2025 तक पूरा होगा.
2. ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट (GMCP): पुलों से जुड़ेंगे द्वीप
यह मालदीव का सबसे बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है। इसमें 6.74 किलोमीटर लंबा ब्रिज माले को तीन अन्य द्वीपों से जोड़ेगा: विलिंगली, गुलहिफाल्हू और थिलाफुशी.
3. 34 द्वीपों पर पानी और सीवरेज नेटवर्क
भारत 16 एटोल्स में फैले 34 द्वीपों पर पानी और सीवरेज नेटवर्क बिछा रहा है, जिससे 35,000 से अधिक लोगों को लाभ मिलेगा, खासकर सूखे के मौसम में.
4. गुलहिफाल्हू पोर्ट: $400 मिलियन की मदद
माले का मुख्य पोर्ट ओवरलोड हो चुका है. भारत अब पास के गुलहिफाल्हू द्वीप पर नया पोर्ट बना रहा है, जो 400,000 TEUs कंटेनरों को संभालने में सक्षम होगा. इसमें कंटेनर टर्मिनल, वेयरहाउस, कस्टम एरिया और जनरल कार्गो टर्मिनल शामिल होंगे.
5. शिक्षा और स्कॉलरशिप में भारत की भूमिका
1996 में भारत ने मालदीव में टेक्निकल एजुकेशन इंस्टीट्यूट की स्थापना की थी. अब भारत $5.3 मिलियन की लागत से टीचर्स, युवाओं को ट्रेनिंग और वोकेशनल कोर्स की सुविधा दे रहा है. साथ ही India Science & Research Fellowship के तहत हर साल 10 सीटें भी देता है.
6. हुलहुमाले में 100-बेड का कैंसर अस्पताल
मालदीव में कैंसर स्पेशलिस्ट की भारी कमी है. भारत हुलहुमाले द्वीप पर एक अत्याधुनिक 100-बेड कैंसर अस्पताल बना रहा है, जिससे अब मरीजों को इलाज के लिए भारत नहीं जाना पड़ेगा.
7. क्रिकेट स्टेडियम और मल्टी-स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर
2019 में मालदीव ने भारत से क्रिकेट स्टेडियम बनाने का अनुरोध किया था. अब हुलहुमाले में 22,000 सीटों वाला अत्याधुनिक स्टेडियम बन रहा है. भारत $40 मिलियन की LoC के तहत बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, टेबल टेनिस जैसे खेलों के लिए भी बड़े स्पोर्ट्स सेंटर बना रहा है.
चीन बनाम भारत: भू-राजनीतिक टकराव के बीच भारत की शांत पहल
राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्जू के सत्ता में आने के बाद मालदीव का झुकाव चीन की ओर देखा गया लेकिन भारत ने न तो कोई दबाव बनाया और न ही कोई तीखी प्रतिक्रिया दी. बल्कि भारत ने अपनी मजबूत उपस्थिति विकास और सहयोग के जरिए जताई.
मोदी की यात्रा से रिश्तों में नया अध्याय?
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा केवल एक औपचारिकता नहीं है. यह साफ संकेत है कि भारत अब भी मालदीव को अपना करीबी और प्राथमिक साझेदार मानता है. चाहे इंफ्रास्ट्रक्चर हो, शिक्षा, स्वास्थ्य या खेल—भारत ने हर क्षेत्र में मालदीव की मदद की है.
अब गेंद मालदीव के पाले में है—क्या राष्ट्रपति मुइज़्जू भारत से फिर उसी गर्मजोशी से रिश्ते बनाएंगे? वक्त बताएगा। लेकिन इतना तय है कि माले के लोग भारत को एक भरोसेमंद साथी मानते हैं, और भारत ने यह विश्वास बनाए रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.
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