125 दिन रोजगार की गारंटी, G RAM G बिल हुआ पास, महात्मा गांधी का नाम हटाने पर विपक्ष का तीखा विरोध, फाड़ा बिल
लोकसभा में G RAM G बिल पास होते ही विपक्षी नेताओं ने तीखा विरोध किया और बिल की प्रतियां फाड़ दीं. यह बिल 20 साल पुरानी MGNREGA की जगह लेगा और ग्रामीण भारत में 125 दिनों का रोजगार सुनिश्चित करेगा. केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि सरकार महात्मा गांधी के आदर्शों को योजनाओं के जरिए जीवित रख रही है.
G RAM G Bill: लोकसभा में गुरुवार को उस समय जबरदस्त हंगामा देखने को मिला, जब केंद्र सरकार की ओर से लाया गया 'G RAM G' बिल निचले सदन में पास हो गया. यह बिल देश की 20 साल पुरानी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) की जगह लेने के लिए पेश किया गया है. बिल पास होते ही सदन का माहौल गरमा गया और विपक्षी सांसदों ने इसका तीखा विरोध शुरू कर दिया.
बिल पास होते ही लोकसभा में हंगामा
जैसे ही G RAM G बिल पारित हुआ, विपक्षी नेताओं ने अपनी सीटों से उठकर सदन के वेल में पहुंचकर नारेबाजी शुरू कर दी. इस दौरान कई सांसदों को बिल की कॉपी फाड़ते और स्पीकर की कुर्सी की ओर उछालते हुए भी देखा गया. विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने ग्रामीण रोजगार योजना से महात्मा गांधी का नाम हटाकर उनकी विरासत का अपमान किया है.
VIDEO | Parliament Winter Session: Speaking in Lok Sabha, Union Rural Development Minister Shivraj Singh Chouhan says, "Mahatma Gandhi's name was added to NREGA with an eye on 2009 elections."#ParliamentWinterSession2025 #MGNREGA
(Source: Third Party)
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क्या है G RAM G बिल?
केंद्र सरकार ने दो दिन पहले The Viksit Bharat Guarantee For Rozgar And Ajeevika Mission (Grameen) यानी VB G RAM G नाम से यह नया बिल पेश किया था. सरकार का दावा है कि यह योजना ग्रामीण भारत में हर साल 125 दिनों के रोजगार की गारंटी देगी. इसके जरिए सरकार 'विकसित भारत 2047' के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में नया ढांचा तैयार करना चाहती है.
शिवराज सिंह चौहान का कांग्रेस पर पलटवार
सदन में करीब आठ घंटे चली चर्चा के जवाब में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष, खासकर कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा कि जब यह योजना शुरू हुई थी, तब इसका नाम सिर्फ NREGA था और उसमें महात्मा गांधी का नाम शामिल नहीं था. उनके मुताबिक, 2009 के चुनावों के दौरान कांग्रेस ने राजनीतिक लाभ के लिए गांधी जी का नाम जोड़ा था.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मौजूदा मोदी सरकार ही वास्तव में महात्मा गांधी के विचारों को जमीन पर उतार रही है. उन्होंने कहा, 'कांग्रेस ने बापू के आदर्शों की हत्या की, जबकि एनडीए सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, स्वच्छ भारत मिशन और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं के जरिए बापू के सपनों को जिंदा रखा है.'
विपक्ष का आरोप: गांधी का नाम हटाना गलत
वहीं, विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार ने जानबूझकर ग्रामीण रोजगार योजना से महात्मा गांधी का नाम हटाया है, जो अस्वीकार्य है. उनका आरोप है कि यह कदम सिर्फ नाम बदलने का नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक और वैचारिक पहचान को मिटाने की कोशिश है. इसी विरोध में सांसदों ने नारे लगाए और बिल की प्रतियां फाड़ीं.
आगे क्या?
G RAM G बिल के पारित होने के बाद अब यह राज्यसभा में जाएगा. हालांकि, जिस तरह से लोकसभा में इस बिल को लेकर राजनीतिक टकराव देखने को मिला है, उससे साफ है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा और ज्यादा गरमाने वाला है. ग्रामीण रोजगार, महात्मा गांधी की विरासत और सरकार की नीतियों को लेकर संसद के अंदर और बाहर बहस तेज होने के संकेत मिल रहे हैं.
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