क्यों जरूरी हैं पहाड़? पर्वतारोहण का है सपना तो जान लें चढ़ाई से पहले ये नियम और जरूरी दस्तावेज
हर साल 11 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस मनाया जाता है, जो पहाड़ों और वहां रहने वाले लोगों के महत्व को रेखांकित करता है. 2025 की थीम ग्लेशियरों की भूमिका पर केंद्रित है, जो पानी, भोजन और आजीविका के लिए बेहद जरूरी हैं. इस दिन पर्वतारोहण से जुड़े नियम, श्रेणियां और जरूरी दस्तावेजों पर भी जागरूकता फैलाई जाती है.
Mountain Climbing Rules: हर साल 11 दिसंबर को पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस (International Mountain Day) मनाया जाता है. इस दिन का उद्देश्य पहाड़ों के महत्व को समझाना और वहां रहने वाले लोगों के कल्याण को बढ़ावा देना है. पहाड़ न सिर्फ प्राकृतिक सुंदरता का प्रतीक हैं, बल्कि मानव जीवन और पर्यावरण के लिए भी बेहद जरूरी हैं.
पृथ्वी और मानव जीवन में पहाड़ों की भूमिका
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, पृथ्वी की सतह का 27 प्रतिशत से अधिक हिस्सा पहाड़ों से ढका हुआ है. दुनिया की कुल आबादी का करीब 15 प्रतिशत हिस्सा सीधे तौर पर पहाड़ी क्षेत्रों में रहता है. इतना ही नहीं, पहाड़ दुनिया के लगभग एक-चौथाई जमीनी जीव-जंतुओं और पौधों को आश्रय देते हैं.
दुनिया के 70 प्रतिशत मीठे पानी का स्रोत हैं पहाड़
पहाड़ों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि वे दुनिया के करीब 70 प्रतिशत ताजे पानी का स्रोत हैं. ग्लेशियर, बर्फ और पहाड़ी नदियां करोड़ों लोगों की जल जरूरतें पूरी करती हैं. यही कारण है कि पहाड़ों का संरक्षण वैश्विक जल सुरक्षा से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है.
अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस 2025 की थीम
अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस 2025 की थीम है, 'ग्लेशियर पानी, भोजन और आजीविका के लिए क्यों जरूरी हैं, पहाड़ों में भी और उससे आगे भी.' यह थीम इस बात पर जोर देती है कि ग्लेशियरों की सुरक्षा न केवल पहाड़ी क्षेत्रों, बल्कि पूरी दुनिया के लिए जरूरी है।.
कौन कर सकता है पर्वतारोहण?
अच्छी सेहत और शारीरिक फिटनेस रखने वाला लगभग हर व्यक्ति पर्वतारोहण कर सकता है. सरल ट्रेकिंग से लेकर कठिन पर्वत शिखरों तक चढ़ाई संभव है, लेकिन इसके नियम और शर्तें हर देश और हर पर्वत के अनुसार अलग-अलग होती हैं.
कुछ ट्रेक्स के लिए पहले अनुभव की जरूरत नहीं होती, जबकि कठिन पर्वतों के लिए मान्यता प्राप्त संस्थान से पर्वतारोहण प्रशिक्षण जरूरी होता है.
कुछ पहाड़ों पर चढ़ने के लिए न्यूनतम आयु सीमा भी तय होती है.
पर्वतारोहियों की श्रेणियां
शुरुआती (Beginners)
इस श्रेणी में आने वाले लोगों को केवल सामान्य फिटनेस की जरूरत होती है.
तकनीकी कौशल जरूरी नहीं होता और ये लोग आमतौर पर आसान ट्रेक्स करते हैं.
मध्यम स्तर (Intermediate)
इस श्रेणी के लोगों को अच्छी सहनशक्ति और कुछ ट्रेकिंग अनुभव होना चाहिए. उन्हें क्रैम्पॉन, आइस ऐक्स जैसे उपकरणों की बुनियादी जानकारी भी होनी चाहिए.
उन्नत स्तर (Advanced)
इस श्रेणी में उच्च प्रशिक्षित पर्वतारोही आते हैं. इन्हें ग्लेशियर पर चलने, रस्सी के इस्तेमाल और तकनीकी चढ़ाई का प्रशिक्षण होता है. ये लोग आमतौर पर ऊंचे और कठिन शिखरों पर चढ़ाई करते हैं.
पेशेवर (Professional)
इस श्रेणी में प्रमाणित और अनुभवी पर्वतारोही शामिल होते हैं. ये गाइडेड एक्सपीडिशन का हिस्सा होते हैं और इनके लिए अनुमति पत्र और औपचारिक दस्तावेज अनिवार्य होते हैं.
पर्वतारोहण के लिए जरूरी दस्तावेज
सामान्य ट्रेकिंग के लिए
- सरकारी पहचान पत्र (पासपोर्ट, आधार कार्ड, वोटर आईडी आदि)
- मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट (कुछ मामलों में जरूरी)
- ट्रेकिंग परमिट (राष्ट्रीय उद्यान या संरक्षित क्षेत्रों के लिए)
- ट्रैवल इंश्योरेंस (अनुशंसित)
ऊंचाई वाले और तकनीकी अभियानों के लिए
- सरकारी पहचान पत्र (पासपोर्ट, आधार कार्ड, वोटर आईडी आदि)
- स्थानीय पर्वतारोहण प्राधिकरण द्वारा जारी क्लाइंबिंग परमिट
- लाइजन ऑफिसर से जुड़े दस्तावेज (कुछ देशों में अनिवार्य)
- मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट
- हाई-एल्टीट्यूड इंश्योरेंस (हेलिकॉप्टर रेस्क्यू सुविधा सहित)
- अनुभव प्रमाण पत्र और प्रशिक्षण सर्टिफिकेट
कुल मिलाकर, अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस हमें यह याद दिलाता है कि पहाड़ केवल पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि जल, भोजन, जैव विविधता और आजीविका का आधार हैं. पर्वतारोहण रोमांचक जरूर है, लेकिन इसके साथ जिम्मेदारी, सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण भी उतना ही जरूरी है.
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