कितना खतरनाक है Apache हेलिकॉप्टर? जोधपुर में तैनाती के साथ ही थर्राया पाकिस्तान, अब आसमान से बरसेगी आग
भारतीय सेना ने जोधपुर में AH-64E Apache अटैक हेलिकॉप्टर तैनात कर दिए हैं, जो पाकिस्तान सीमा पर सेना की हवाई ताकत को कई गुना बढ़ा देंगे. ये हेलिकॉप्टर लंबी रेंज, अत्याधुनिक रडार और घातक हथियारों से लैस हैं.

Indian Army Apache helicopters: 15 महीने की तैयारी और बेस की स्थापना के बाद आखिरकार भारतीय सेना को उसके 'आकाश के शिकारी' मिल गए हैं. जोधपुर की तपती धरती पर अब तैनात हो चुके हैं तीन दमदार AH-64E Apache अटैक हेलिकॉप्टर, जिन्हें अमेरिकी कंपनी Boeing ने भारत के लिए खासतौर पर तैयार किया है.
इन हेलिकॉप्टरों की बॉडी हैदराबाद के पास Tata-Boeing जॉइंट वेंचर फैक्ट्री में बनी है यानी इसमें खून भी भारतीय और हथियार भी अमेरिकन! इसके आने से पड़ोसी पाकिस्तान एक बार फिर से टेंशन में आ गया है. आइए यहां जानते हैं कि Apache कितना खतरनाक है?
#Apache for Indian Army
Milestone moment for Indian Army as the first batch of Apache helicopters for Army Aviation arrive today in India.
These state-of-the-art platforms will bolster the operational capabilities of the #IndianArmy significantly.#YearofTechAbsorption… pic.twitter.com/phtlQ4SWc8
कहर बनकर बरसने आया Apache
जैसे ही ये हेलिकॉप्टर पाकिस्तान बॉर्डर के पास ऑपरेशनल होंगे, दुश्मनों को आसमान की तरफ देखने से पहले 10 बार सोचना पड़ेगा. इनका रौलिंग कैमरा, लोकेशन रडार और फायर पावर इतना खतरनाक है कि 6 किलोमीटर दूर से टैंक उड़ा सकते हैं. Apache के पास है:
- 30 mm M230 चेन गन – नजदीकी लड़ाई के लिए घातक
- 70 mm Hydra रॉकेट्स – दुश्मन के बंकर और काफिलों के लिए आफत
- AGM-114 Hellfire मिसाइलें – टैंक और भारी वाहनों का काल
- Stinger मिसाइलें – हवा से हवा में वार करने की क्षमता, यानी दुश्मन के UAV और हेलिकॉप्टर तक बच नहीं पाएंगे.
रात में भी शिकारी, अंधेरे में भी अपराजेय
Apache को रात का शिकारी यूं ही नहीं कहा जाता. इसका AN/APG-78 Longbow रडार, जो हेलिकॉप्टर के ऊपर लगे मास्ट पर होता है, 128 ग्राउंड टारगेट्स को एक साथ ट्रैक कर सकता है और 16 टारगेट्स को एक साथ तबाह कर सकता है.
और मजेदार बात ये है कि यह हेलिकॉप्टर दुश्मन को देख सकता है, लेकिन खुद छुपा रहता है। मतलब ये कि दुश्मन को तब तक पता नहीं चलता जब तक मौत उसके सिर पर नहीं आ जाती.
अब नेटवर्क वॉरियर भी
इन Apaches को सिर्फ उड़ा कर गोली मारना ही नहीं आता, ये ड्रोन से लाइव फीड लेकर रियल टाइम युद्ध रणनीति बना सकते हैं. यानी Apache अब सिर्फ एक हथियार नहीं, बल्कि एक चलता-फिरता वार रूम है.
IAF से सीख, Army में एक्शन
Air Force के पास पहले से ही दो स्क्वाड्रन पठानकोट और जोरहाट में हैं, जो कि चीन के मोर्चों को देखते हैं। अब Army ने भी अपना पहला बैच ले लिया है और ये पाकिस्तान बॉर्डर पर तैनात होंगे. यानी पश्चिमी सीमा पर अब 'काटो' का दौर आने वाला है.
Operation Sindoor के बाद Apache का आना महज एक इत्तेफाक नहीं, संदेश है. कुछ हफ्ते पहले ही Operation Sindoor में भारतीय सेना ने अपनी जवाबी क्षमता दिखाई थी और अब Apache का आना सीधे तौर पर ये संकेत देता है कि भारत अब लड़ाई सिर्फ जमीन पर नहीं, आसमान में भी दबदबे से करेगा.
मजबूत बदन, लोहा का दिल
Apache में हैं:
- आर्मर्ड कॉकपिट – पायलट का बचाव सुनिश्चित
- क्रैश रेसिस्टेंट सिस्टम्स – मिशन के बीच नुकसान भी झेल सकता है
- हर्डनड रोटर्स – गोलियां खा जाएं, लेकिन उड़ना न छोड़ें
सिर्फ 6 क्यों? 18 तो पक्के हैं!
अभी भारतीय सेना ने 6 Apache का ऑर्डर दिया है, लेकिन डिफेंस सूत्रों के मुताबिक ये संख्या जल्द ही 18 या उससे भी ज्यादा होने वाली है.
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