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18 महीने की प्लानिंग, 117 ड्रोन और बूम! कैसे यूक्रेन ने सीक्रेट रूसी ठिकाने को किया तबाह? पढ़िए हॉलीवुड स्टाइल अटैक की STORY

Ukraine Drone Attack On Russia: यूक्रेन का दावा है कि इस हमले में 7 अरब डॉलर का नुकसान हुआ और रूस के 34% स्ट्रैटेजिक बॉम्बर्स बेकार हो गए. यूक्रेन ने बिना अमेरिका को बताए ये ऑपरेशन चलाया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि ज़ेलेंस्की अब अमेरिका पर निर्भर नहीं, बल्कि उसे दबाव में ला रहे हैं.

Ukraine Drone Attack On Russia: 1 जून 2025 को यूक्रेन ने रूस पर एक ऐसी खुफिया और चौंकाने वाली ड्रोन स्ट्राइक की, जिसे 'ऑपरेशन स्पाइडर वेब' नाम दिया गया. 18 महीने की तैयारी के बाद, यूक्रेन ने एक साथ 117 ड्रोन रूस के अंदर गुप्त ठिकानों से लॉन्च किए.

1 जून 2025... तारीख भले ही कैलेंडर में एक और दिन हो, लेकिन इतिहास में ये वही दिन है जब जंग की परिभाषा बदल गई. इसे यूक्रेन की 'पर्ल हार्बर स्ट्राइक' कहा जा रहा है और कोडनेम था — 'ऑपरेशन स्पाइडर वेब.'

18 महीने की प्लानिंग, 117 ड्रोन और रूस की नींद उड़ाने वाला मिशन

यह कोई आम हमला नहीं था. यूक्रेनी जासूसों ने रूस के अंदर घुसकर दर्जनों ड्रोन फ्रेट ट्रकों में छिपाए, जिन्हें पांच अलग-अलग सैन्य क्षेत्रों तक पहुंचाया गया — साइबेरिया से लेकर फिनलैंड बॉर्डर तक... 117 ड्रोन रात के अंधेरे में जैसे ही आसमान में निकले, रूस की हवाई सुरक्षा कुछ पल के लिए जैसे 'ब्लाइंड' हो गई.

क्या आपको पता है ये ड्रोन रूस के अंदर कैसे गए... ये एक हॉलीवुड फिल्म की तरह का अटैक था. पहले तो कई कंटेनर ट्रक बनाए गए. उनको स्मगल करके अवैध तरीके से यूक्रेन से रूस भेजा गया. कंटेनर ट्रकों में दो लेयर बने हुए थे. एक टॉप पर और एक नीचे (जैसे आम मालवाहक ट्रक में दिखता है) डिजाइन किए गए थे. ऊपर के लेयर में इन ड्रोन को फिट किया गया था. 

कंटेनर खोलकर देखने पर ये एक खाली कंटेनर किए तरह दिखाई देता. ऊपर के लेयर को रिमोट से खोला गया और उसी रिमोट के जरिए ड्रोन को कंट्रोल भी किया गया. ड्रोन ऐसे जगह निकले, जहां पास में ही रूसी एयरबेस थे. एयरबेस रूस के कई फाइटर जेट्स खड़े थे. उन्हें इन ड्रोन ने एक-एक करके तबाह कर दिया और रूस को इसकी भनक भी नहीं लगी. यही नहीं इन हमलों के बाद कंटेनर ट्रक को भी उड़ा दिया गया, जिससे रूसी जांच में कुछ भी पता न चल पाए.  

हमले में 41 रूसी एयरक्राफ्ट — जिनमें परमाणु क्षमता वाले Tu-95 और Tu-22 बमवर्षक भी शामिल थे — एक-एक करके ध्वस्त हो गए. यूक्रेन का दावा है कि इससे $7 बिलियन का नुकसान हुआ है और रूस के 34% स्ट्रैटेजिक बॉम्बर्स एक ही झटके में बेकार हो गए.

'स्पाइडर वेब' का मकसद

यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने इसे 'ब्रिलियंट ऑपरेशन' कहा. उन्होंने साफ कर दिया कि ये हमला सिर्फ जवाबी कार्रवाई नहीं, बल्कि एक मनोवैज्ञानिक मोर्चा था. यूक्रेन की ओर से यह मैसेज रूस को खुलेआम दिया गया कि हम कहीं से भी हमला कर सकते हैं और अगली बार शायद तेल पाइपलाइन या पावर ग्रिड हो…'

अमेरिका तक को भनक नहीं

अमेरिका को भी इस ऑपरेशन की भनक नहीं थी. व्हाइट हाउस ने बयान दिया कि उन्हें कोई जानकारी नहीं थी. यह दिखाता है कि यूक्रेन अब अपने दम पर खेल खेल रहा है और अमेरिका पर भरोसे से ज़्यादा दबाव की रणनीति पर काम कर रहा है. पूर्व CIA निदेशक जॉर्ज बीब ने कहा, 'यूक्रेन अमेरिका को मजबूर कर रहा है कि वो रूस के खिलाफ सख्त कदम उठाए.'

'अब परमाणु हमले की आई घड़ी'

रूसी मिलिट्री ब्लॉगर्स और प्रोपेगैंडा चैनल बौखला गए हैं. कुछ ने पर्ल हार्बर का बदला लेने की मांग की है तो कुछ ने खुलेआम न्यूक्लियर अटैक का आह्वान किया है. Telegram पर एक रूसी एक्स मिलिट्री ने लिखा: 'ये हमला अमेरिका की तरह परमाणु जवाब मांगता है. अब समय आ गया है.'

क्या बदलेगा युद्ध का भविष्य?

यूक्रेन की यह चाल सिर्फ सैन्य नहीं, कूटनीतिक भी है. 2 जून को तुर्की में रूस-यूक्रेन वार्ता होनी थी. इस हमले ने डिप्लोमैटिक टेबल पर ज़ेलेंस्की को ऊंचा किया है. पेंटा थिंक टैंक के प्रमुख ने कहा, 'यह ऑपरेशन यूक्रेन का संदेश है कि हम झुकेंगे नहीं.'

जंग अब सिर्फ हथियारों से नहीं, रणनीति और मनोविज्ञान से लड़ी जा रही है और ऑपरेशन स्पाइडर वेब इसका जीता-जागता उदाहरण है.

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