G-23 से लेकर ऑपरेशन सिंदूर तक, शशि थरूर की राह क्यों हो गई कांग्रेस में मुश्किल?
कांग्रेस नेता शशि थरूर एक बार फिर पार्टी के निशाने पर हैं, खासकर केरल के वरिष्ठ नेता के. मुरलीधरन के बयानों के बाद, जिन्होंने कहा कि थरूर अब पार्टी कार्यक्रमों में आमंत्रित नहीं होंगे. विवाद की जड़ में थरूर का 'ऑपरेशन सिंदूर' और पीएम मोदी की तारीफ वाला बयान है, जिस पर कांग्रेस नेतृत्व नाराज़ है.

Shashi Tharoor: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर एक बार फिर अपनी ही पार्टी के निशाने पर हैं. पार्टी में उनके खिलाफ नाराज़गी का स्तर बढ़ता जा रहा है, खासकर केरल में. ताजा विवाद का कारण बना उनका बयान, जो उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए दिया था. अब केरल कांग्रेस के नेता के. मुरलीधरन ने यहां तक कह दिया है कि जब तक थरूर अपना रुख नहीं बदलते, तब तक उन्हें पार्टी के किसी कार्यक्रम में नहीं बुलाया जाएगा.
पार्टी के सीनियर नेता और चार बार सांसद रह चुके के. मुरलीधरन ने साफ शब्दों में कहा, 'जब तक थरूर अपना स्टैंड नहीं बदलते, उन्हें तिरुवनंतपुरम में पार्टी कार्यक्रमों में नहीं बुलाया जाएगा. वो हमारे साथ नहीं हैं, तो उनके बहिष्कार की कोई ज़रूरत ही नहीं है.' उन्होंने थरूर पर एक कथित सर्वे का भी ज़िक्र किया, जिसमें दिखाया गया था कि शशि थरूर केरल के अगले मुख्यमंत्री पद के लिए लोगों की पसंद हैं. इस सर्वे को कांग्रेस पार्टी ने बनावटी और झूठा बताया.
#WATCH | Delhi: On statements by Congress leaders against him, Congress MP Shashi Tharoor says, "The people who are saying this should have some basis for saying so. Who are they? I want to know. Then we will see. Don't ask me about the behaviour of others. I can talk about my… pic.twitter.com/KDJF1Un21D
शशि थरूर की दो टूक
दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए थरूर ने आलोचकों पर पलटवार किया। उन्होंने कहा, 'जो लोग ये कह रहे हैं, उन्हें कोई आधार तो बताना चाहिए. कौन हैं ये लोग? मैं उनका नाम जानना चाहता हूं. मैं सिर्फ अपनी सोच और व्यवहार के बारे में बात कर सकता हूं.'
उन्होंने साफ किया कि वो पीछे नहीं हटेंगे क्योंकि उन्हें लगता है कि देशहित में उन्होंने जो कहा, वह सही था.
पीएम मोदी की तारीफ और इमरजेंसी पर टिप्पणी से कांग्रेस में बेचैनी
थरूर ने हाल ही में पंपोर (पहलगाम) आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री मोदी की नेतृत्व क्षमता की तारीफ की थी. इसके अलावा उन्होंने इमरजेंसी और इंदिरा गांधी के शासनकाल पर भी सवाल उठाए थे। यही नहीं, उन्होंने बार-बार यह भी कहा है कि उन्हें विकास राजनीति से ऊपर लगता है. यही बातें कांग्रेस को खटक रही हैं.
2021 से ही रिश्तों में खटास, लेकिन BJP में जाने की बात से इनकार
शशि थरूर 2021 में कांग्रेस के उस 'G-23' गुट का हिस्सा बने थे, जिसने गांधी परिवार के नेतृत्व पर सवाल उठाए थे. तभी से पार्टी में उनकी स्थिति अस्थिर है. हाल ही में उन्हें पहलगाम हमले पर अंतरराष्ट्रीय भागीदार देशों को ब्रीफ करने के लिए चुना गया, जिससे पार्टी के भीतर कई लोगों को यह संकेत मिला कि वे भाजपा के करीब जा रहे हैं.
हालांकि थरूर ने भाजपा में शामिल होने की अटकलों को पूरी तरह खारिज कर दिया है. उन्होंने NDTV से बातचीत में कहा, 'मैं 16 साल से कांग्रेस पार्टी और उसकी विचारधारा के प्रति वफादार रहा हूं. यह कहना कि मैं भाजपा में जाने वाला हूं, पूरी तरह गलत है.'
कांग्रेस और थरूर: अब आगे क्या?
राहुल गांधी से हाल में हुई मुलाकात के बावजूद शशि थरूर के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है. पार्टी अभी भी उनके रवैये को लेकर असहज है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या थरूर पार्टी में बने रहेंगे या भविष्य में कोई बड़ा राजनीतिक उलटफेर देखने को मिलेगा?
शशि थरूर का कहना है कि वो देशहित में बोलते रहेंगे, चाहे पार्टी की राय कुछ भी हो. वहीं कांग्रेस अब उन्हें अपने पाले से बाहर धकेलती दिख रही है. यह टकराव भविष्य की राजनीति में एक बड़ा मोड़ ला सकता है — खासकर केरल और राष्ट्रीय स्तर पर.
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