अब एक नहीं, दो बार होंगे CBSE 10वीं बोर्ड एग्जाम! स्टूडेंट्स को मिलेगा बूस्ट का मौका
CBSE Board Exam: CBSE ने ऐलान किया है कि 2026 से कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाएगी. फरवरी में पहली परीक्षा सभी के लिए अनिवार्य होगी और मई में होने वाली दूसरी परीक्षा वैकल्पिक रहेगी. छात्र अधिकतम तीन विषयों में सुधार का मौका ले सकेंगे. यह बदलाव नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत स्ट्रेस-फ्री एजुकेशन सिस्टम की दिशा में बड़ा कदम है.

CBSE Board Exam: क्या आप भी हर साल बोर्ड एग्जाम के स्ट्रेस में फंस जाते हैं? तो अब फिक्र की कोई बात नहीं! CBSE ला रहा है जबरदस्त बदलाव — 2026 से कक्षा 10 के छात्र साल में दो बार बोर्ड एग्जाम दे सकेंगे.
एक फरवरी में और दूसरा मई में... फर्क बस इतना है कि पहला एग्जाम सबके लिए ज़रूरी होगा और दूसरा सिर्फ उनके लिए जो अपने मार्क्स को बूस्ट करना चाहते हैं. ये फैसला छात्रों पर पड़ रहे दबाव को देखते हुए लिया गया है.
क्या है नई एग्जाम सिस्टम?
पहली परीक्षा: फरवरी में होगी और सबको देना होगा.
दूसरी परीक्षा: मई में होगी, सिर्फ उन्हीं छात्रों के लिए जो सुधार करना चाहें.
सुधार का मौका: सिर्फ 3 विषयों में मिलेगा (साइंस, मैथ्स, सोशल साइंस और लैंग्वेज).
कौन से स्कूलों को मिलेगी छूट?
सर्दियों वाले स्कूलों को किसी एक एग्जाम फेज़ में हिस्सा लेने की आज़ादी दी जाएगी. ये वहां के मौसम को देखते हुए ऐसा फैसला लिया गया है.
CBSE क्यों कर रहा ये बदलाव?
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि यह नेशनल एजुकेशन पॉलिसी का हिस्सा है. मकसद है एग्जाम स्ट्रेस को कम करना और स्टूडेंट्स को JEE की तरह दो मौके देना.
CBSE की परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने कहा, 'हमारा फोकस है कि स्टूडेंट्स बिना डर और दबाव के एग्जाम दें. नई पॉलिसी से उन्हें परफॉर्मेंस सुधारने का शानदार मौका मिलेगा.'
उन्होंने कहा, 'मुझे जो फीडबैक मिला है, उससे पता चलता है कि छात्र साल में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित करने के फैसले से खुश हैं.' उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि यह सुधार तनाव मुक्त शिक्षण वातावरण और अधिक संतुलित मूल्यांकन प्रणाली की दिशा में एक बड़ा कदम है.
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