BREAKING:
GST काउंसिल में आम लोगों की बल्ले-बल्ले! जानें क्या-क्या होगा सस्ता और किनकी जेब पर पड़ेगा बोझ       Aaj Ka Rashifal 4 September 2025: सितारे देंगे जिंदगी में बड़ा बदलाव, जानें आपकी राशि का हाल       सोनिया गांधी को कहा था 'जर्सी काउ', अब क्यों कर रहे मां-बेटी की बात?... तेजस्वी का PM Modi पर पलटवार       महिलाओं में कैंसर केस सबसे ज्यादा, पुरुषों में ओरल कैंसर, कैसे पिछले 4 सालों में भारत के लिए काल बना कैंसर?       सिर्फ एक गलती से रुक सकती है पेंशन, जानें जरूरी नियम और दस्तावेज       असम में सिर्फ इन 3 लोगों को ही मिली नागरिकता, CAA विवाद पर CM हिमंत सरमा ने दिया जवाब       आतंक फंडिंग और अरेस्ट वारंट का डर! कैसे ठगों ने पहलगाम अटैक के नाम पर महिला से उड़ाए ₹43 लाख       'सालों से था वन-साइडेड रिलेशन', बढ़ते भारत को देख बौखलाए डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा आरोप       Aaj Ka Rashifal 3 september 2025: करियर, प्यार और पैसे में बड़ा मोड़, जानें आपकी राशि का हाल       यूरोप से महंगा हुआ बेंगलुरु! 2BHK के लिए किराया सुनकर हिल जाएगा दिमाग      

महिलाओं में कैंसर केस सबसे ज्यादा, पुरुषों में ओरल कैंसर, कैसे पिछले 4 सालों में भारत के लिए काल बना कैंसर?

भारत में 2015 से 2019 के बीच 43 कैंसर रजिस्ट्री के आंकड़ों से पता चला है कि महिलाओं में कैंसर के मामले अधिक हैं, लेकिन मौतें कम दर्ज हुईं. पुरुषों में ओरल कैंसर ने लंग कैंसर को पीछे छोड़ दिया है, जबकि नॉर्थईस्ट में सबसे ज्यादा कैंसर केस पाए गए.

Cancer Report India: भारत में कैंसर के मामलों को लेकर एक बड़ा अध्ययन सामने आया है, जिसने कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर किए हैं. देशभर के 43 कैंसर रजिस्ट्रियों से मिले आंकड़ों (2015-2019) के विश्लेषण में सामने आया है कि महिलाओं में कैंसर के मामले पुरुषों से ज्यादा (51.1%) हैं, लेकिन मौतें उनसे कम (45%) होती हैं. वहीं, पुरुषों में अब ओरल कैंसर (मुंह का कैंसर) ने फेफड़ों के कैंसर को पीछे छोड़ दिया है.

महिलाओं में कैंसर ज्यादा, लेकिन मौतें कम क्यों?

विशेषज्ञों के मुताबिक, महिलाओं में ज्यादातर मामले ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर के होते हैं, जिनका इलाज और जांच जल्दी संभव है. यही कारण है कि समय पर स्क्रीनिंग और बेहतर इलाज से इनकी मृत्यु दर कम होती है. दूसरी तरफ, पुरुषों में ओरल, लंग, लीवर, स्टमक और इसोफेगस कैंसर देर से पकड़े जाते हैं और इनकी जानलेवा दर ज्यादा होती है.

कैंसर का उत्तर-पूर्वी राज्यों से गहरा रिश्ता

अध्ययन में यह भी सामने आया कि देशभर में कैंसर की सबसे ज्यादा दर असम के आइजोल में पाई गई — पुरुषों में 198.4 और महिलाओं में 172.5 प्रति एक लाख की दर.

इसकी बड़ी वजहें बताई गईं:

  • तंबाकू और सुपारी का ज्यादा इस्तेमाल
  • बहुत मसालेदार और स्मोक्ड फूड
  • हॉट बेवरेज और सॉल्टेड मीट-फिश
  • इन्फेक्शन जैसे HPV, हेपेटाइटिस, टायफी आदि
  • साथ ही, यहां धूम्रपान और शराब का चलन भी राष्ट्रीय औसत से कहीं ज्यादा है, जो कैंसर का बड़ा कारण बन रहा है.

ओरल कैंसर क्यों बढ़ रहा है?

14 रजिस्ट्रियों में पुरुषों और 4 रजिस्ट्रियों में महिलाओं में ओरल कैंसर की बढ़ती दर दर्ज हुई है.

तंबाकू का इस्तेमाल कम हुआ है, लेकिन कैंसर को विकसित होने में 20 साल तक का समय लगता है.

शराब की खपत बढ़ने से भी ओरल और लिवर कैंसर का खतरा तेजी से बढ़ रहा है.

विशेषज्ञों के मुताबिक, तंबाकू और शराब का कॉम्बिनेशन कैंसर का सबसे बड़ा रिस्क फैक्टर है.

कौन-कौन से शहर बने कैंसर हॉटस्पॉट?

  • ब्रेस्ट कैंसर: हैदराबाद (54 प्रति लाख)
  • सर्वाइकल कैंसर: आइजोल (27.1)
  • लंग कैंसर: श्रीनगर (पुरुष 39.5) और आइजोल (महिला 33.7)
  • ओरल कैंसर: अहमदाबाद (पुरुष 33.6) और ईस्ट खासी हिल्स (महिला 13.6)
  • प्रोस्टेट कैंसर: श्रीनगर (12.7)

सरकार की तैयारी

सरकार आयुष्मान भारत योजना और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के जरिए देशभर में स्क्रीनिंग और इलाज का नेटवर्क मजबूत कर रही है. साथ ही, नए कैंसर ड्रग्स की कीमतें घटाने और सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने पर भी काम चल रहा है.

यह रिपोर्ट बताती है कि भारत में कैंसर सिर्फ एक बीमारी नहीं, बल्कि एक बढ़ता हुआ राष्ट्रीय स्वास्थ्य संकट है. समय पर जांच, जागरूकता, जीवनशैली में बदलाव और हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार ही इसे रोकने के लिए सबसे बड़ा हथियार है.

ये भी देखिए: सिर्फ एक गलती से रुक सकती है पेंशन, जानें जरूरी नियम और दस्तावेज