इधर मुनीर देता रहा भाषण, उधर बलूचों ने सुराब शहर पर कर लिया कब्जा, टेंशन में आया पाकिस्तानी हुक्मरान
BLA capture Surab City: जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान की हवा निकाल दी, वहीं अब बलोचिस्तान में भी जमीनी क्रांति की आहट सुनाई देने लगी है. आसीम मुनीर का भाषण उस वक्त का सबसे बड़ा मज़ाक बन गया जब BLA ने दिखा दिया कि पाकिस्तान अपनी ही जमीन पर हुकूमत खोता जा रहा है.

BLA capture Surab City: जब पाकिस्तान के फील्ड मार्शल और सेना प्रमुख आसीम मुनीर बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा (Quetta) में बैठकर भारत को 'हाइड्रो-टेररिज्म' और कश्मीर पर भाषण दे रहे थे, ठीक उसी समय सिर्फ 150 किलोमीटर दूर बलूचों ने सुराब शहर पर कब्जे की घोषणा कर दी.
बलोचिस्तान की आज़ादी के लिए लड़ रही Baloch Liberation Army (BLA) ने ऐलान किया कि उन्होंने सुराब शहर पर पूरा नियंत्रण हासिल कर लिया है. यह वही वक्त था जब आसीम मुनीर खुद कमांड और स्टाफ कॉलेज में भाषण दे रहे थे और दावा कर रहे थे कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ युद्ध जीत रहा है. लेकिन जमीनी हकीकत तो कुछ और ही कह रही थी.
बलोचों का करारा तमाचा
मुनीर ने अपने भाषण में कहा कि पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान चाहता है और भारत पर हाइड्रो-टेररिज्म का आरोप लगाते हुए सिंधु जल संधि को लेकर बवाल किया. उन्होंने धमकी भरे अंदाज़ में कहा कि पाकिस्तान को मजबूर नहीं किया जा सकता और उसकी रणनीतिक स्थिरता से कोई खिलवाड़ नहीं कर सकता.
लेकिन उसी समय BLA ने सुराब शहर से पाकिस्तान का खौफ जरूर उतार फेंका. ये वही BLA है जो पाकिस्तान के लिए सिरदर्द बन चुका है, क्योंकि पाकिस्तान लगातार बलूचों का शोषण करता है, जिससे त्रस्त बलूच अब पाकिस्तान से छुटकारा पाना चाहते हैं.
पाकिस्तान की तबाही का नया चैप्टर
BLA ने अगस्त 2024 में ऑपरेशन हेरोफ़ शुरू किया था और तब से अब तक ये पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द बन चुका है. इस सशस्त्र मुहिम के तहत सिर्फ भारत-पाक टकराव के दौरान ही 71 हमले किए गए, वो भी 51 अलग-अलग लोकेशनों पर.
इनका सीधा टारगेट न केवल पाकिस्तानी सेना बल्कि वहां मौजूद चीनी ठिकाने भी हैं. यानी पाकिस्तान के साथ-साथ उसके आका चीन को भी बलोचिस्तान में चैन से सांस लेना मुश्किल हो गया है.
'सुराब' बना बलोच प्रतिरोध का प्रतीक
BLA का यह ऐलान कि उन्होंने सुराब शहर को अपने नियंत्रण में ले लिया है, केवल एक सैन्य उपलब्धि नहीं, बल्कि एक राजनीतिक संकेत है – पाकिस्तान बलोचिस्तान को खो रहा है. सेना की मौजूदगी के बावजूद आतंकवाद, अलगाववाद और राजनीतिक अस्थिरता पाकिस्तान को अंदर से खोखला कर रही है और मुनीर साहब भाषणों में व्यस्त हैं… ज़मीनी सच्चाई से मीलों दूर....