Green energy का बेताज बादशाह बनने को तैयार Mukesh Ambani, Reliance Industries ने कर दिया बड़ा एलान
Mukesh Ambani: हम सब जानते हैं कि आने वाला समय सीमित संसाधनों के कारण अक्षय ऊर्जा या फिर ग्रीन एनर्जी का होने वाला है. इसे देखते हुए मुकेश अंबानी ने भी अपनी कमर कस ली. आने वाले इस बड़े इंडस्ट्री पर राज करने की प्लानिंग उन्होंने अब शुरू कर दी है. जिसके लिए वह अगले ही साल एक प्लांट शुरू करने वाले हैं.

Mukesh Ambani: टेलीकॉम इंडस्ट्री में अपने झंडे गाड़ने के बाद मुकेश अंबानी अब ग्रीन एनर्जी (Green energy) के सेक्टर में खुद को स्थापित करना चाहते हैं. इसे लेकर उन्होंने एक बड़ा एलान भी कर दिया है. रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) अगले साल अक्षय ऊर्जा उपकरण (renewables equipment) बनाने वाली अपनी फैक्ट्रियों को चालू करने की योजना बना रही है, जो उस समूह के लिए एक मील का पत्थर है जो अपने जीवाश्म ईंधन की जड़ों से दूर जा रहा है. मुकेश अंबानी ने सबसे पहले 2021 में रिलायंस के हरित ऊर्जा में उतरने की बात कही थी और अब वह इसे लिए पूरी तरह से तैयार हैं.
मुकेश अंबानी ने कहा कि आरआईएल (RIL)को लगता है कि उसका नया ऊर्जा और नई सामग्री व्यवसाय वैश्विक स्तर पर हरित ऊर्जा के सबसे बड़े प्रदाताओं में से एक बन जाएगा और साथ ही भारत के 2070 नेट जीरो लक्ष्य में प्रमुख योगदानकर्ता भी होगा. इसका लक्ष्य देश में अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं का सबसे बड़ा डेवलपर बनना है. ये बात उन्होंने बुधवार को जारी अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कही.
12 महीनों में ऊर्जा विनिर्माण सुविधाएं होंगी शुरू -रिलायंस
रिलायंस ने कहा, 'अगले 12 महीनों में हमारा ध्यान नई ऊर्जा विनिर्माण सुविधाओं को चालू करने, उन्हें कुशलतापूर्वक संचालित करने और नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन परियोजनाओं को विकसित करने पर है.' बता दें कि अडानी समूह भी अपनी हरित ऊर्जा पेशकशों का विस्तार करने के लिए अरबों डॉलर का निवेश कर रहा है और इसका लक्ष्य 2030 तक सौर और पवन सहित गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता को 500 गीगावाट (GW) तक बढ़ाना है.
ग्रीन एनर्जी के लिए वैश्विक साझेदारी भी करेगी रिलायंस
रिलायंस ने आगे कहा कि वह आयात में कटौती करने के लिए स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला विकसित करना चाहती है. वह हरित हाइड्रोजन, हरित रसायन और ऊर्जा भंडारण परियोजनाओं सहित एंड-टू-एंड एकीकृत नवीकरणीय ऊर्जा विनिर्माण सुविधाओं के निर्माण के लिए नई ऊर्जा क्षेत्र में प्रौद्योगिकी प्राप्त करने के लिए वैश्विक खिलाड़ियों के साथ साझेदारी करेगी.
ये भी देखिए: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को मिला अमेरिका का साथ, भारत के लिए कितना होगा कारगर?