अब Cyclone से पहले मिलेगी बड़ी चेतावनी! Google ने पेश किया AI Weather Lab, 15 दिन पहले देगा अलर्ट
Google AI Weather Model: Google DeepMind और Google Research ने मिलकर Weather Lab नाम की एक नई वेबसाइट लॉन्च की है, जहां AI आधारित वेदर मॉडल्स के जरिए तूफानों की भविष्यवाणी की जाएगी. कंपनी ने एक नया साइक्लोन मॉडल भी पेश किया है, जो 15 दिन पहले ही चक्रवात (Cyclone) के बनने, उसकी दिशा, ताकत और आकार का अनुमान लगा सकता है.

Google AI Weather Model: दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी Google ने एक नया AI आधारित सिस्टम पेश किया है, जो अब तूफान यानी साइक्लोन की सटीक भविष्यवाणी कर सकेगा. Google DeepMind और Google Research ने मिलकर 'Weather Lab' नाम की एक खास वेबसाइट लॉन्च की है, जहां लोग कंपनी के AI वेदर मॉडल्स देख सकेंगे और उनके आधार पर मौसम की जानकारी ले सकेंगे.
इस नए प्लेटफॉर्म पर Google ने एक नया एक्सपेरिमेंटल AI बेस्ड Tropical Cyclone Model भी जारी किया है. कंपनी का दावा है कि यह मॉडल तूफान (साइक्लोन) के बनने से लेकर उसकी दिशा, ताकत, आकार और असर को 15 दिन पहले तक पहचानने में सक्षम है. हालांकि, अभी इस मॉडल का साइंटिफिक वेरिफिकेशन बाकी है.
Weather Lab क्या है?
Google का Weather Lab एक इंटरेक्टिव वेबसाइट है जहां लाइव और पुराने साइक्लोन डेटा को दिखाया जाता है. इसमें AI बेस्ड मॉडल्स के साथ यूरोपियन सेंटर फॉर मीडियम-रेंज वेदर फोरकास्ट (ECMWF) के फिजिक्स-बेस्ड मॉडल्स का भी इस्तेमाल किया जाता है.
यहां पर AI के कई मॉडल्स जैसे WeatherNext Graph, WeatherNext Gen और नया Tropical Cyclone Model एक साथ चलते हैं और मौसम से जुड़ी जानकारियों का एनालिसिस करके भविष्यवाणियां करते हैं.
इतना ही नहीं वेबसाइट पर दो साल से ज्यादा पुराना AI जेनरेटेड डेटा भी रखा गया है, जिसे रिसर्चर्स डाउनलोड करके इन मॉडल्स की गुणवत्ता जांच सकते हैं.
चक्रवात भविष्यवाणी में नया AI मॉडल क्या खास है?
Google ने बताया कि इस नए AI मॉडल से अब तक चली आ रही दोहरी पद्धति की जरूरत नहीं होगी. पहले अलग-अलग मॉडल से चक्रवात की दिशा (Track) और ताकत (Intensity) का पता लगाया जाता था, लेकिन नया AI मॉडल इन दोनों चीजों की एक साथ भविष्यवाणी कर सकता है.
यह मॉडल 45 साल के दौरान आए करीब 5,000 साइक्लोन का डेटा लेकर ट्रेन किया गया है, जिसमें साइक्लोन की दिशा, ताकत, आकार और हवा के रेडियस जैसी अहम जानकारियां शामिल हैं.
टेस्टिंग के दौरान 2023-24 में इसे North Atlantic और East Pacific बेसिन में आज़माया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, इसका 5 दिन का पूर्वानुमान यूरोपियन मॉडल से 140 किलोमीटर ज्यादा सटीक रहा.
कंपनी का कहना है कि इस मॉडल का परफॉर्मेंस पारंपरिक फिजिक्स-बेस्ड मॉडल्स के बराबर या उनसे बेहतर है. हालांकि, इसे वैज्ञानिक समुदाय से आधिकारिक मान्यता मिलनी अभी बाकी है.
क्या यह मॉडल अभी आम यूजर्स के लिए है?
नहीं, Google ने साफ किया है कि यह वेबसाइट केवल रिसर्च टूल है, यानी यहां दी गई भविष्यवाणियां ऑफिशियल अलर्ट या चेतावनी नहीं मानी जाएंगी.
वैज्ञानिक प्रमाण के लिए Google ने अमेरिका के National Hurricane Center (NHC) के साथ साझेदारी भी की है ताकि इसके परिणामों की गंभीरता से जांच की जा सके.
कुल मिलाकर Google का यह नया कदम मौसम विज्ञान में AI की बड़ी उपलब्धि साबित हो सकता है. अगर यह मॉडल सटीक साबित हुआ तो भविष्य में जान-माल के नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकेगा.
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